जयपुर। पाँच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों में अब सिर्फ़ तेलंगाना और राजस्थान ही बचे हैं, जहाँ चुनाव होना बाक़ी है। यहाँ 7 दिसंबर को मतदान होना है, पर हमारे राजनेता चुनाव में उन मुद्दे पर फ़ोकस करते रहे हैं या कर रहे हैं जिनका जनता से कोई मतलब ही नहीं होता। वह इतने शातिराना अंदाज से मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं, जिससे जनता को पता ही न चले और उनका सियासी उल्लू सीधा हो जाए। उनके चुनावी भाषणों में न तो बेरोज़गारी है, न महँगाई है और न विकास है। उनके भाषणों में है- मैं वो हिन्दू हूँ, मैं वो हूँ, मैं वो हूँ। कोई कहता है हनुमान दलित थे तो कोई कहता है कि मेरी माँ को चुनाव में घसीट लाएँ क्योंकि वह चुनाव में मुझे हरा नहीं सकते हैं। अरे आप क्या हैं, हनुमान कौन जाति के थे, यह कौन पूछ रहा है… और आपकी माँ या पिता से जनता को क्या मतलब ? उनको सिर्फ़ इतना बताएँ कि आपने जनता की समस्याओं को खतम करने के लिए क्या किया और आगे क्या आपका एजेंडा है ? किसानों की आमदनी दोगुना कैसे बढ़ेगी बेरोज़गारी कैसे खतम होगी ? महँगाई की मार से कब पिन्ड छुड़ेगा? नोटबंदी से क्या फ़ायदा हुआ? इस पर बात क्यों नहीं करते ?
मन्दिरों में जाकर मस्जिदों में जाकर क्या साबित करने का प्रयास कर रहे हैं ? क्या यह सब करने से हमारे राजनेताओं का भविष्य सुरक्षित हो गया है या जनता की समस्याओं का समाधान हो गया है ? क्या यह सब करने से पाँच राज्यों में हो रहे चुनाव के परिणाम उनकी पार्टियों के हक़ में चले जाएँगे ?
अफ़सोस इस चुनाव में मोदी की भाजपा के स्टार प्रचारक
सांसद विधायक यह भूल जाते हैं कि हमें किस लिए यहाँ देश की जनता ने चुनकर भेजा। इस लिए मुझे यह कहने में कोई हिचक या परेशानी नहीं कि विकराल रूप ले चुकी इस समस्या का हल तलाशना आसान नहीं है। क्या इसी लिए बेकार के मुद्दे उछाल कर सीधे जवाब देही से बच रहे हैं जिससे जनता के कोप से बचा जा सके।
जनता को भी चाहिए कि सही समय पर वार कर ऐसी सियासी पार्टियों को सत्ता से बेदख़ल कर ऐसी सरकार को चुनना चाहिए जो जनता की विकराल रूप ले चुकी समस्याओं का समाधान कर सके। धार्मिक आधार, जाति आधार या भाई भतीजा आधार पर चयन नहीं होना चाहिए। जब-जब ऐसा होगा देश विकास की तरफ़ नहीं विनाश की और जाएगा जिसकी ज़िम्मेदारी जनता की है न कि सियासी दलों की। वह तो अपने मफाद की ख़ातिर आपको गुमराह करेगा आप क्यों उनके जाल में आ रहे हो। हमें बचना होगा ऐसे दलों से जो हमें ऐसे मार्ग पर ले जा रहे है जो न देश के लिए हितकर है और न जनता के लिए हमें अच्छे लोगों का चुनाव करना होगा।
क्या यह ख़बर/ लेख आपको पसंद आया ? कृपया कमेंट बॉक्स में कमेंट भी करें और शेयर भी करें ताकि ज्यादा लोगों तक बात पहुंचे
कृपया हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करें