नई दिल्ली, 14 सितम्बर। चिकित्सकों की गलतियों की वजह से हर साल 13.8 करोड़ से अधिक मरीजों को नुकसान पहुंचता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 'वर्ल्ड पेशेन्ट सेफ्टी डे' (World Patient Safety day) मनाने के महज कुछ दिन पहले यह चेतावनी दी है। इस दिवस को मनाने का मकसद इस त्रासदी के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
At least 5 people die every minute because of unsafe care
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयियस, (Dr Tedros Adhanom Ghebreyesus, WHO Director-General) ने कहा है कि “स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त करते समय किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए। और फिर भी वैश्विक स्तर पर, असुरक्षित देखभाल के कारण हर मिनट में कम से कम 5 रोगियों की मृत्यु हो जाती है। ”
बीमारी की सही पहचान नहीं हो पाना, दवा के नुस्खे व इलाज में त्रुटियां और दवाओं का अनुचित सेवन तीन मुख्य कारण हैं कि इतने सारे रोगियों को खामियाजा भुगताना पड़ा है।
ये गलतियां इसलिए होती हैं क्योंकि स्वास्थ्य प्रणालियां इन त्रुटियों से सही प्रकार से निपटने और उनसे सीखने के लिए उपयुक्त रूप से तैयार नहीं हैं।
डब्ल्यूएचओ के एक दस्तावेज के मुताबिक कई अस्पताल यह छिपाते हैं कि उन्होंने क्या गलत किया है, जो अकसर उन्हें भविष्य में फिर ऐसा न हो इसके लिए उन्हें कदम उठाने से रोकता है।
डब्ल्यूएचओ द्वारा शुक्रवार को उपलब्ध कराए गए आंकड़े केवल मध्यम और निम्न आर्थिक स्थिति वाले देशों (जहां वैश्विक जनसंख्या का 80 प्रतिशत है) को दर्शाते हैं, जबकि अगर विकसित देशों को ध्यान में रखकर देखा जाए तो वास्तविक संख्या और ज्यादा हो सकती है क्योंकि विकसित देशों में भी, प्रत्येक 10 में से एक मरीज चिकित्सा संबंधी गलतियों का शिकार है।
इन गलतियों के उदाहरण के तौर पर, उन तरीकों से इलाज किया जाना जिनके लिए वे
इस तरह की गलतियों का कारण कुछ अस्पतालों में स्पष्ट हाइरार्की की कमी या कर्मचारियों के बीच पर्याप्त कम्युनिकेशन का अभाव भी होता है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया भर में केवल दवा के गलत नुस्खे के चलते ही हेल्थकेयर सिस्टम को करीब 42 अरब डॉलर (37 अरब यूरो) का नुकसान हुआ है।
इन समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस वर्ष से डब्ल्यूएचओ हर साल 17 सिंतबर को 'वर्ल्ड पेशेन्ट सेफ्टी डे' (विश्व रोगी सुरक्षा दिवस) मनाएगा।