Hastakshep.com-देश-Forced abortion-forced-abortion-Medical Termination of Pregnancy Act 1971-medical-termination-of-pregnancy-act-1971-Pre-Natal Diagnostic Techniques (Regulation and Prevention of Misuse) Act-pre-natal-diagnostic-techniques-regulation-and-prevention-of-misuse-act-Where can abortion be done-where-can-abortion-be-done-कन्या भ्रूण हत्या-knyaa-bhruunn-htyaa-गर्भ का चिकित्सीय समापन अधिनियम 1971-grbh-kaa-cikitsiiy-smaapn-adhiniym-1971-जबर्दस्ती गर्भपात-jbrdstii-grbhpaat-धारा 313-dhaaraa-313-धारा 314-dhaaraa-314-धारा 315-dhaaraa-315

प्रसवार्थ निदान तकनीक (दुरुपयोग का विनियम व निवारण) अधिनियम, 1944 Pre-Natal Diagnostic Techniques (Regulation and Prevention of Misuse) Act, 1994 (PNDT),

(गर्भ का चिकित्सीय समापन अधिनियम, 1971 - Medical Termination of Pregnancy Act, 1971)

कन्या भ्रूण हत्या की जांच के लिए, प्रसव पूर्व नैदानिक तकनीक (विनियमन और दुरुपयोग की रोकथाम) अधिनियम, 1994 को 1 जनवरी, 1996 अधिनियमित किया गया और इसे अमल में लाया गया। इस अधिनियम के तहत नियम भी बनाए गए हैं। अधिनियम भ्रूण के लिंग के निर्धारण और प्रकटीकरण पर प्रतिबंध लगाता है। यह सेक्स के जन्म के पूर्व निर्धारण से संबंधित किसी भी विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाता है और इसके उल्लंघन के लिए सजा निर्धारित करता है। जो व्यक्ति इस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, वह कारावास और जुर्माना के साथ दंड का भागी होता है। एक गैर सरकारी संगठन CEHAT और ओआरएस द्वारा वर्ष 2000 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका पर शीर्ष अदालत के निर्देश के बाद कुछ समय पूर्व पीएनडीटी अधिनियम और नियमों में संशोधन किया गया है। यह संशोधन इसलिए किए गए ताकि गर्भाधान से पहले और बाद में सेक्स के चयन के लिए उभरती हुई प्रौद्योगिकियों को ध्यान में रखा जा सके। ये संशोधन 14 फरवरी, 2003 से प्रभावी हो गए हैं।

गर्भवती स्त्री कानूनी तौर पर गर्भपात केवल निम्नलिखित स्थितियों में करवा सकती है - A pregnant woman can legally undergo an abortion only in the following situations -

  1. जब गर्भ की वजह से महिला की जान को खतरा हो।
  2. महिला के शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य को खतरा हो।
  3. गर्भ बलात्कार के कारण ठहरा हो।
  4. बच्चा गंभीर रूप से विकलांग या अपाहिज पैदा हो सकता हो।
  5. महिला या पुरुष द्वारा अपनाया गया कोई भी परिवार नियोजन का साधन असफल रहा हो।

यदि इनमें से कोई भी स्थिति मौजूद हो तो गर्भवती स्त्री एक डॉक्टर की सलाह से बारह हफ्तों तक गर्भपात करवा सकती है। बारह हफ्ते

से ज्यादा तक बीस हफ्ते (पाँच महीने) से कम गर्भ को गिरवाने के लिए दो डॉक्टर की सलाह (Doctor's advice for miscarriage) लेना जरूरी है। बीस हफ्तों के बाद गर्भपात नहीं करवाया जा सकता है।

गर्भवती स्त्री से जबर्दस्ती गर्भपात (Forced abortion) करवाना अपराध है।

Forcible abortion of a pregnant woman is a crime.

कहां कराया जा सकता है गर्भपात Where can abortion be done?

गर्भपात केवल सरकारी अस्पताल या निजी चिकित्सा केंद्र जहां पर फार्म बी लगा हो, में सिर्फ रजिस्ट्रीकृत डॉक्टर  द्वारा ही करवाया जा सकता है।

THE PRE-NATAL DIAGNOSTIC TECHNIQUES (PNDT) ACT & RULES

क्या कहती है धारा 313 What does section 313 say

स्त्री की सम्मति के बिना गर्भपात कारित करने के बारे में कहा गया है कि इस प्रकार से गर्भपात करवाने वाले को आजीवन कारावास या जुर्माने से भी दण्डित किया जा सकता है।

धारा 314

धारा 314 के अंतर्गत बताया गया है कि गर्भपात कारित करने के आशय से किये गए कार्यों द्वारा कारित मृत्यु में दस वर्ष का कारावास या जुर्माने या दोनों से दण्डित किया जा सकता है और यदि इस प्रकार का गर्भपात स्त्री की सहमति के बिना किया गया है तो कारावास आजीवन का होगा।

धारा 315

धारा 315 के अंतर्गत बताया गया है कि शिशु को जीवित पैदा होने से रोकने या जन्म के पश्चात्? उसकी मृत्यु कारित करने के आशय से किया गया कार्य से सम्बन्धित यदि कोई अपराध होता है, तो इस प्रकार के कार्य करने वाले को दस वर्ष की सजा या जुर्माना दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

 

नोट - यह समाचार किसी भी हालत में परामर्श नहीं है। यह सिर्फ एक जानकारी है। कोई निर्णय लेने से पहले अपने विवेक का प्रयोग करें।)

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