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प्रमं कार्यालय तक निकाला महिला अधिकार मार्च, तो अध्यापकों-भाकपा (माले) नेताओं पर मुकदमा

वाराणसी में ऐपवा के प्रदर्शन पर मुकदमा दर्ज करने की भाकपा (माले) ने निंदा की

लखनऊ, 27 नवंबर। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) की राज्य इकाई ने वाराणसी में सोमवार को अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) के पूर्व निर्धारित प्रदर्शन के बाद संगठन के पदाधिकारियों समेत उसे संबोधित करने वाले बीएचयू के पूर्व अध्यापकों व पार्टी नेताओं के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा मुकदमा दर्ज करने की कड़ी निंदा की है।

पार्टी ने प्रशासन की इस कार्रवाई को लोकतंत्र-विरोधी व दमनकारी बताते हुए मुकदमा अविलंब वापस लेने की मांग की है।

माले के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने बताया कि ऐपवा ने वाराणसी कैंट स्टेशन से प्रधानमंत्री के रवींद्रपुरी स्थित जनसंपर्क कार्यालय तक पूर्वांचल स्तरीय महिला अधिकार मार्च का आयोजन किया था, जिसमें भाग लेने पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से महिलाएं आईं थीं। प्रशासन ने मार्च की अनुमति ऐन वक़्त पर वापस ले ली। इससे आक्रोशित महिलाओं ने प्रसाशन की मनमानी को धता बताते हुए मार्च निकाला। समर्थन में नगर के बुद्धिजीवी भी मार्च में शामिल हुए। जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है, उनमें ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी, प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा, बीएचयू के हिंदी विभाग के पूर्व प्रोफेसर चौथीराम यादव, माले की केंद्रीय समिति के सदस्य मनीष शर्मा, लेखक बी के सिंह व अन्य शामिल हैं।

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