सूची में आसाराम, राम रहीम, राम पाल, निर्मल बाबा और राधे मां का नाम

अखाड़ा परिषद की सूची में बलात्कारी बाबा गुरमीत राम रहीम, आसाराम, आसाराम का बेटा नारायण साईं, सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां, निर्मल बाबा, ओम बाबा समेत कई लोगों के नाम हैं।

नई दिल्ली 10 सिंतबर। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने स्वयंभू बाबाओं के खिलाफ बड़ा ऐलान किया है। 14 बाबाओं की लिस्ट जारी कर अखाड़ा परिषद ने उन्हें फर्जी करार दिया है।

अखाड़ा परिषद की लिस्ट में बलात्कारी बाबा गुरमीत राम रहीम, आसाराम उर्फ आशुमल शिरमानी, आसाराम का बेटा नारायण साईं, सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां, निर्मल बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह समेत कई लोगों के नाम हैं।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की कार्यकारिणी की इलाहाबाद में संपन्न बैठक के बाद ये लिस्ट जारी की गई है और इन बाबाओं का देशव्यापी बहिष्कार करने की अपील की गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस लिस्ट में इन बाबाओं के अलावा सचिदानंद गिरी उर्फ सचिन दत्ता, ओम बाबा उर्फ विवेकानंद झा, इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति द्विवेदी, स्वामी असीमानंद, ऊं नम: शिवाय बाबा, कुश मुनि, बृहस्पति गिरि, वृहस्पति गिरी और मलकान गिरि शामिल हैं।

आज इलाहाबाद के मठ बाघम्बरी गद्दी में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में ये लिस्ट जारी की गई। परिषद के अध्यक्ष महंत धर्मेन्द्र गिरि ने कहा कि इन बाबाओं की वजह से सनातन धर्म को बहुत नुकसान हुआ है। अब इस सूची को अखाड़ा परिषद केन्द्र सरकार, सभी राज्य सरकारों, चारों पीठों के शंकराचार्य, 13 अखाड़ों के पीठाधीश्वरों को भेजेंगे और उनके बहिष्कार की मांग करेंगे। अखाड़ा परिषद कोशिश करेगा कि इन बाबाओं को कुंभ, अर्द्धकुंभ, और दूसरे धार्मिक समागमों में प्रवेश ना मिले इसका भी इंतजाम किया जाएगा।

इसके अलावा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने ‘संत’ की उपाधि देने के लिए एक प्रक्रिया तय करने का फैसला किया है ताकि गुरमीत राम रहीम सिंह जैसे लोगों को इसका गलत इस्तेमाल करने से रोका जाए। हरियाणा के सिरसा में अर्द्ध धार्मिक संस्था डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को बलात्कार के एक मामले में हाल ही में दोषी करार देने और जेल भेजे जाने की घटना के बाद विश्व हिंदू परिषद समर्थित संस्था ने यह कदम उठाया है।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद 14 अखाड़ों की संयुक्त संस्था है जिसमें निर्मोही अखाड़ा भी शामिल है जो अयोध्या में राम जन्मभूमि आंदोलन का चेहरा है।

समझा जाता है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की इस घोषणा के बाद हिन्दू धर्म के अंदर संघर्ष बढ़ जाएगा, क्योंकि हिन्दू धर्म में अभी तक कोई एक ठेकेदार संस्था नहीं रही है।