शब्द

अव्यवस्थित लोकतंत्र और साहित्यिक पत्रकारिता: स्वतंत्र भारत में साहित्य का बदलता स्वरूप
शब्द

अव्यवस्थित लोकतंत्र और साहित्यिक पत्रकारिता: स्वतंत्र भारत में साहित्य का बदलता स्वरूप

यह लेख प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी द्वारा स्वतंत्र भारत में साहित्यिक पत्रकारिता की यात्रा, संपादकीय विवेक, सत्ता-संबंध और लेखकों की स्वायत्तता के...

इक फ़ारसी फ़क़ीर के ख़िलाफ़ दो मुंछमुंडे बूढ़े देख रहे बर्बादी का नाच
शब्द

इक फ़ारसी फ़क़ीर के ख़िलाफ़ दो मुंछमुंडे बूढ़े देख रहे बर्बादी का नाच

इक फ़ारसी फ़क़ीर के ख़िलाफ़ दो मुंछमुंडे बूढ़े देख रहे बर्बादी का नाच. ट्रंप और नेतन्याहू पर व्यंग्यात्मक कविता, ख़ामेनेई बनाम पश्चिमी राजनीति कविता,...

Share it