गाजियाबाद, 10 अगस्त 2019. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में राजबाग मेट्रो स्टेशन (Raj Bagh Metro Station in Ghaziabad) के पास स्थित दो हाउसिंग सोसायटी (Housing Society) के लगभग एक हजार निवासी इलाके में सीवर का दूषित पानी जमा होने से परेशान हैं। दूषित पानी की समस्या (Contaminated water problem) दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) द्वारा वहां से गुजर रहे नाले को बंद करने के बाद उत्पन्न हुई है। दूषित पानी की वजह से कई तरह की बीमारियां फैलने का खतरा मंडरा रहा है जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है।

यह सोसायटी ग्रैंड ट्रंक (जीटी) रोड के किनारे बसी हुई है। यहां छह अगस्त को भारी बारिश के बाद काफी जलभराव हो गया था। इसके बाद एक अवरुद्ध हुए ड्रेन से पानी ओवरफ्लो हुआ और आसपास के इलाके में भर गया।

अन्नपूर्णा हाउसिंग सोसाइटी (Annapurna Housing Society Ghaziabad) के लोगों को अपने घरों के दरवाजे तक पहुंचने के लिए घुटने तक भरे इस पानी से होकर गुजरना पड़ा। यही नहीं, लोगों को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की ओर से भी कोई मदद नहीं मिली, जिसके बाद लोगों ने दूषित पानी निकालने के लिए अपने स्तर पर ही एक मोटर का इंतजाम किया।

इसी के साथ लगती रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) स्वारन रेजीडेंसी में 750 से अधिक लोग रहते हैं। उन्होंने भी अपने परिसर में पानी रोकने के लिए खुद से ही निर्माण कार्य कराया है।

करीब तीन साल पहले दिलशाद गार्डन-न्यू बस स्टैंड मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण कार्य के दौरान इस नाले को बंद कर दिया गया था।

अन्नपूर्णा हाउसिंग सोसाइटी के आरडब्ल्यूए सचिव ने कहा,

"हमने इस संबंध में डीएमआरसी अधिकारियों से मुलाकात की, जिस पर उन्होंने कहा कि वे 2015 से जीडीए से संपर्क कर रहे हैं, ताकि उन्हें नई सीवर पाइपलाइन के साथ नाली को जोड़ने की अनुमति मिल सके। जीडीए ने न तो डीएमआरसी को काम करने का निर्देश जारी किया और न ही जरूरी काम करने के लिए फंड मुहैया कराया।"

गौरतलब है कि इससे पहले अन्नपूर्णा, स्वारन सहित तीन से अधिक हाउसिंग सोसाइटियों के दूषित पानी का निपटान नाली में किया जाता था। मेट्रो स्टेशन के पास इसके अचानक बंद होने के बाद अब एकत्रित होने वाला पानी वापस अन्नपूर्णा और स्वारन हाउसिंग सोसाइटियों में बहने लगा है। लोगों का कहना है कि नाली के काम के बारे में उन्होंने जीडीए से कई बार शिकायत की है, मगर इसकी सुनवाई नहीं की जा रही है।