NSA अजित डोभाल पीएम मोदी के साथ अमेरिका के दौरे पर नहीं गए। इस मामले में छिड़ी बहस और संभावित कारणों पर एक नजर।

अजित डोभाल का अमेरिका दौरे में ना जाना: क्या है असली वजह?

पीएम नरेंद्र मोदी इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं, जहां उनके साथ कई प्रमुख भारतीय अधिकारी मौजूद हैं। प्रधानमंत्री का अमेरिका का दौरा खत्म होने वाला है। आज 23 सितंबर को उनका प्रवास समाप्त हो जाएगा लेकिन इस यात्रा की एक अहम घटना यह है कि देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इस पूरी यात्रा से गैर हाजिर रहे। वे प्रधानमंत्री के साथ अमेरिका नहीं गए या यूं कहे नहीं जा सके। दरअसल अजित डोभाल एनएसए हैं, हमारे देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं जो आमतौर पर प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा में साथ जाते ही हैं, लेकिन इस दफा वे प्रधानमंत्री के साथ अमेरिका नहीं जा सके।

उनके अमेरिका ना जाने को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।

पीएम मोदी के दौरे की खास तस्वीर

हाल ही में साझा की गई एक तस्वीर में पीएम मोदी के साथ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलविन और भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी दिखाई दे रहे हैं। वहीं, भारतीय पक्ष से विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अमेरिका में भारत के राजदूत विनय क्वात्रा मौजूद हैं।

डोभाल का गायब रहना : एक गंभीर सवाल

अजित डोभाल का इस दौरे में न होना चर्चा का विषय बन गया है। संभवतः यह पहली बार है जब कोई एनएसए पीएम के साथ अमेरिका नहीं गया।

डोभाल का अमेरिका ना जाने के संभावित कारण

डोभाल के अमेरिका ना जाने के पीछे कई कारण हो सकते हैं:

खालिस्तान समर्थकों से मुलाकात: पीएम मोदी के दौरे से पहले, अमेरिकी अधिकारियों ने खालिस्तान समर्थक नेताओं से मुलाकात की थी, जिससे भारत के इस दौरे को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं।

अमेरिकी अदालत का समन: अमेरिका में एक मामले में डोभाल और अन्य शीर्ष अधिकारियों को समन भेजा गया है। हालांकि, अधिकारियों ने इस समन को डोभाल के अमेरिका ना जाने का कारण मानने से इंकार किया है।

क्या हैं डोभाल के न जाने के पीछे के असली कारण?

मीडिया रिपोर्ट्स में अधिकारियों हवाले से बताया गया है कि डोभाल का अमेरिका ना जाना जम्मू-कश्मीर चुनाव और अन्य घरेलू मुद्दों से जुड़ा है। हालांकि, यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या इस समन के कारण उन्होंने अमेरिका जाने का फैसला किया।

अमेरिका के समन का ऐतिहासिक संदर्भ

ऐसे समन अतीत में भी भेजे गए हैं, जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य नेताओं के नाम भी शामिल हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका में कानूनी प्रक्रियाएँ राजनीतिक संदर्भ में महत्वपूर्ण हो सकती हैं।

क्या डोभाल की रूस यात्रा का कोई संबंध है?

कुछ समय पहले, डोभाल रूस के दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे की जानकारी साझा की गई थी।

निष्कर्ष

अजित डोभाल का पीएम मोदी के साथ अमेरिका नहीं जाना एक महत्वपूर्ण विषय है, जो भारत-अमेरिका संबंधों और अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर असर डाल सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर भविष्य में क्या विकास होते हैं।

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