मोदी बाबू के अच्छे दिन आने वाले हैं-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक सुधारों पर रुपए की गिरती हुई सेहत पानी फेर सकती है। लोकसभा चुनावों के दौरान रुपये की खराब सेहत पर तंज कसते हुए नरेंद्र मोदी कहा करते थे कि रुपया तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम की उम्र का हो गया है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि यही रुपया जल्दी ही मोदी की उम्र को पीछे छोड़ देगा। गौरतलब है कि मोदी अभी 64 साल के हैं।
विदेशी मार्केट में डॉलर के मूल्य में आए उछाल ने रुपए को 62 के पार पहुंचा दिया है। जो रुझान सामने आ रहे हैं उससे रुपए की सेहत में और भी गिरावट आने की संभावना है। साल के अंत तक 65 और अगले साल की शुरुआत में इसे 70 तक गिरने का अनुमान एक्सपर्ट लगा रहे हैं। फिलहाल रुपए की पतली होती हालत पर नियंत्रण होता नहीं दिखाई पड़ रह है।

कमाल के बुद्धिमान वित्तमंत्री- प्रधानमंत्री

केन्द्र सरकार मोदी की सामंती सनक पर खूब खर्च कर रही है, वहाँ पर कोई पाबंदी नहीं लग रही है। मध्यवर्ग की 4000करोड़ की सब्सिडी आँखों में चुभ रही है, अदानी को 6200करोड़ बैंक से निकाल कर दे दिए उसमें कटौती के बारे में नहीं सोचा! कमाल के बुद्धिमान वित्तमंत्री- प्रधानमंत्री हैं !!!

जनता को लूटने में मोदी सरकार बेमिसाल-

भारतीय रेल की उन 80 एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों में अब आम यात्रियों के लिए अगले हफ्ते से लोअर बर्थ बुक कराना मुश्किल हो जाएगा जिनमें प्रीमियम तत्काल सेवा लागू है। रेलवे ने ऐसी ट्रेनों में प्रीमियम तत्काल की दर से किराया चुकाने वाले यात्रियों को लोअर बर्थ बुक कराने का विकल्प देने का फैसला किया है।
पहले सभी सीटें सामान्य नियम के तहत आरक्षित होती थीं।

राजनीतिक नंगई पर उतर आई है यह सरकार

मोदी के द्वारा मध्यवर्गीय मतदाताओं को नए साल की सौगात मिलने जा रही है, अब मध्यवर्ग के लोगों को सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर नहीं मिलेंगे। यानी बाजार दर पर गैस सिलेंडर मिलेंगे, मोदी सरकार गंभीरता से इस दिशा में काम कर रही है। इसे कहते नंग बड़ा परमेश्वर से। निपट राजनीतिक नंगई पर उतर आई है यह सरकार।

मोदी से तेज कालेधन की उड़ान-

स्विस बैंक की बात तो दूर अब तो जर्मनी की एलजीटी बैंक से भारतीयों के ब्लैक मनी को वापस लाना मुश्किल है। इस बैंक में काला धन रखने वाले खातेदारों ने पूरा पैसा निकालकर किसी दूसरे विदेशी बैंक में जमा करवा दिया है। माना जा रहा है कि यह काला धन किसी स्विस बैंक में शिफ्ट कर दिया गया है।
अदानी फ़कीर है, मोदी की तकदीर है।।
यह नारा है अगले चुनावों का। अदानी पर 12बिलियन डालर का कर्ज है। यानी उसकी गाँठ में छदाम नहीं है। वह तो बैंकों के कर्जे पर मौज़ कर रहा है, भाजपा को करा रहा है। जय हो संघ के क्रोनी कैपिटलिज्म की!!
O- जगदीश्वर चतुर्वेदी
जगदीश्वर चतुर्वेदी । लेखक प्रगतिशील चिंतक, आलोचक व मीडिया क्रिटिक हैं। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रहे चतुर्वेदी जी आजकल कोलकाता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। वे हस्तक्षेप के सम्मानित स्तंभकार हैं।