अरुण माहेश्वरी
भाजपा के बाबा रामदेव ने राहुल गांधी पर टिप्पणी के बहाने अपने विकृत दिमाग की कल्पनाओं को सारी दुनिया के सामने खोल कर रख दिया है। राहुल गांधी का दलितों के घर जाने को वे हनीमून के लिये जाना बता रहे थे। सिर्फ यही नहीं, जले पर नमक छिड़कते हुए उन्होंने आगे और कहा कि राहुल गांधी क्यों नहीं किसी दलित लड़की से शादी करते हैं ताकि उस लड़की का आर्थिक तौर पर उद्धार हो जाए।
रामदेव का यह बयान दलितों के प्रति उनके जघन्य नजरिये की सचाई को बताने के लिये काफी है।
इस प्रसंग में और भी निंदनीय रवैया दिखाई दिया हिंदी के वरिष्ठ पत्रकार और संपादक वेद प्रताप वैदिक का। वे ‘टाइम्स नाउ’ पर रामदेव की हनीमून वाली बात की पूरी बेशर्मी से हंसते हुए पैरवी कर रहे थे।
रामदेव ने तो दबाव में आकर ‘टाइम्स नाउ’ पर अपने कहे शब्दों को वापस ले लिया, लेकिन क्या वैदिक जी उनके घृणित मंतव्य की शर्मनाक ढंग से पैरवी करने के लिये पूरे हिंदी जगत से माफी मांगेगे ? वैदिक जी ने पूरे हिंदी जगत को शर्मसार किया है।
(अरुण माहेश्वरी की फेसबुक वॉल से)
अरुण माहेश्वरी। लेखक प्रख्यात चिंतक हैं।