अब उदित नारायण ने पूछा - कितना चंदा जेब में आया?
अब उदित नारायण ने पूछा - कितना चंदा जेब में आया?

नई दिल्ली, 14 जनवरी 2020. "बोल रे दिल्ली बोल" गाने की अपार सफलता के बाद मुनीश रायजादा फिल्म्स अपने डॉक्यूमेंटरी सिरीज ट्रांसपेरेंसी: पारदर्शिता के दूसरे गाने "कितना चंदा" को लांच किया है । इस गाने को मशहूर बॉलीवुड गायक उदित नारायण ने अपना खूबसूरत सुरीला स्वर दिया है। वहीं गाने के बोल अनु रिज़वी ने लिखे हैं और संगीत परवेश मल्लिक ने दिया है।
"कितना चंदा जेब में आया" गाने को ट्रांसपेरेंसी : पारदर्शिता सीरीज में उदित नारायण के मनमोहक अंदाज में प्रस्तुत किया गया है।
मुनीश रायजादा ने इस गाने को निर्मित व निर्देशित किया है।
डॉक्यूमेंट्री सीरीज के निर्माता-निर्देशक डॉ मुनीश रायजादा बताते हैं कि चंदा वाला यह गाना राजनीतिक फंड पर आधारित है। दरअसल राजनीतिक फंड वो एकमात्र जरिया होता है जिसकी मदद से राजनीतिक पार्टियां अपने कैंपेन से लेकर अपने रोजमर्रे की रूटीन के काम करती हैं। सभी राजनीतिक पार्टियां पब्लिक फंड से चलती है। सभी राजनीतिक पार्टी की तरह आम आदमी पार्टी भी पब्लिक फंड से चलने वाली पार्टी है। इसमें और अन्य पार्टियों में एकमात्र अंतर चंदा लेने के तरीके में है।
रायजादा कहते हैं कि आम आदमी से चंदा लेकर पार्टी चलना तय हुआ था। साथ ही यह भी तय हुआ था कि चंदा के रूप में मिले एक-एक रुपये का हिसाब-किताब पब्लिक के सामने रखा जाएगा। यह पार्टी की पहली शर्त थी। इसे मूल सिद्धांत के रूप में प्रचारित व प्रसारित किया गया।
इसके अलावा पार्टी के तीन सिद्धांत तय किये गए थे। आंतरिक जांच प्रक्रिया, राजनीतिक फंड की पारदर्शिता और पॉवर का विकेंद्रीकरण इनमें शामिल थे। आम आदमी पार्टी ने क्राउड फंडिंग के जरिये आम लोगों से चंदा मांगकर भारतीय राजनीति में एक नई पहल की थी। पार्टी के तीन टर्म से राष्ट्रीय संयोजक व दो बार से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तो दूसरी राजनीतिक पार्टियों को उनके चंदे को उनकी तरह ही सार्वजनिक करने की चुनौती दे डाली थी।
आम आदमी पार्टी ने लोगों को वैकल्पिक राजनीति का एक सुनहरा सपना दिखाया था। भ्रष्टाचार से तंग आ चुके लोगों को इस नई पार्टी में उम्मीद की एक किरण दिखी। लेकिन जून 2016 को अचानक से पार्टी के वेबसाइट से चंदे की सूची को हटा दिया गया। ऐसा कर पार्टी न सिर्फ अपने ही मूल सिद्धांत का गाला घोंट दिया बल्कि अपनी जिम्मेदारी और पारदर्शिता से भी मीलों दूर हो गयी।
रायजादा बताते हैं कि "कितना चंदा जेब में आया" गाना उन आम आदमी के निराशा और हताशा को दर्शाता है,जिसने इस पार्टी में भ्रष्टाचार से मुक्त भारत का सपना देखा था। दूसरी पार्टियों से अलग इसके माध्यम से पूरे सिस्टम को बदलते हुए देखना चाहा था। यह गाना उनके राजनीतिक तौर-तरीके को बदलने की एक अपील है।
मुनीश रायज़ादा शिकागो में चिकित्सक हैं व अपनी पार्टी के ही खिलाफ चंदा बंद सत्याग्रह भी चला चुके हैं ।


