अब मार्गदर्शक हो जाएंगी सोनिया गांधी, लेकिन अडवाणी के मुकाबले हैं बहुत भाग्यशाली
अब मार्गदर्शक हो जाएंगी सोनिया गांधी, लेकिन अडवाणी के मुकाबले हैं बहुत भाग्यशाली
अब भाजपा नेता लालकृष्ण अडवाणी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी में क्या समानता है? दोनों ही अपने दलों के पूर्व अध्यक्ष हैं और अपनी-अपनी पार्टी के मार्गदर्शक हैं, लेकिन सोनिया गांधी... लालकृष्ण अडवाणी के मुकाबले बहुत भाग्यशाली हैं। 19 साल तक देश की सबसे पुरानी पार्टी की कमान संभालने के बाद अब सोनिया गांधी पार्टी का मार्गदर्शन करेंगी... सोनिया गांधी ने आज अपनी सारी जिम्मेदारिया अपने बेटे राहुल गांधी को सौंप दीं... लेकिन अपनी पारी के अंत में उन्होंने ऐसा भाषण दिया... जिसमें उन्होंने अपने अतीत के दर्द को उकेर कर जनता के सामने रख दिया,,,
1991 के बाद राजनीतिक जमीं पर डगमगाई हुई कांग्रेस में फिर से जान फूंकने वाली सोनिया गांधी आज जब मंच पर पहुंची, तो उन्होंने पहली बार अपने सियासी सफर में आई कठिनाईयों का जिक्र किया...सोनिया ने बताया कि...किन परिस्थितियों में उन्हें पार्टी की कमान सौंपी गईं थी...और किन तूफानों का सामना कर उन्होंने कांग्रेस के पंजे की पकड़ को मजबूत किया...
राजनीति एक ऐसा सफर है...जिसमें बदलते दौर के साथ राजनेताओं को भी बदलना पड़ता है...और यही बदलाव का मंत्र सोनिया गांधी ने आज राहुल को बागडोर सौंपते समय दिया है...तूफान जैसी परिस्थितियों से पार्टी को बाहर निकालने वाली सोनिया गांधी ने माना कि,,,राजनीतिक तौर पर कांग्रेस पार्टी में बदलाव की जरूरत है.
इस देश के मूल्यों की रखवाली करना आपका मकसद है। हम डरने वालों में से नहीं हैं, हम झुकने वाले नहीं हैं, हम अपने संघर्ष से पीछे कभी नहीं हटेंगे - श्रीमती सोनिया गांधी #ThankYouSoniaGandhi #CongressPresidentRahulGandhi Full Speech: https://t.co/pn3kZphwyk
— Congress (@INCIndia) December 16, 2017
10 साल तक कथित तौर पर पर्दे के पीछे रहकर केंद्र की सरकार चलाने वाली सोनिया गांधी ने आज जब अध्यक्ष के पद पर अपनी पारी का अंत किया, तो उन्होंने बीजेपी को भी निशाने पर लिया...सोनिया गांधी ने कहा कि...देश में भय का माहौल है. ..आज संवैधानिक मूल्यों पर हमला हो रहा है, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं.
To our longest-serving president Smt. Sonia Gandhi, who worked relentlessly for the ideals of the Congress Party, & through it for the country; we express our utmost gratitude. A guiding light you will always be. #ThankYouSoniaGandhi #CongressPresidentRahulGandhi pic.twitter.com/4dgnanKeUT
— Congress (@INCIndia) December 16, 2017
19 साल तक जब कोई एक पार्टी को संभाले, तो उसके लिए पारी का अंत करना मुश्किल तो है ही...इसीलिए अपने भाषण में सोनिया बीजेपी पर आक्रमक होने के साथ भावुक भी नजर आईं...इसी भावुकता में उन्होंने इंदिरा गांधी के दौर को भी याद किया...
सोनिया गांधी ने भले ही अध्यक्ष पद छोड़ दिया हो...और रिटायरमेंट की घोषिणा कर दी हो...लेकिन राजनीतिक संन्यास उन्होंने अभी नहीं लिया है...पार्टी का भी कहना है कि सोनिया गांधी ने कांग्रेस की कमान छोड़ी है राजनीति नहीं।


