हत्यारों का पता लगाने का फरमान मैंने नहीं सुना
पलाश विश्वास

हम तो झेल चुके

मरीचझांपी का सच

पीढ़ियों से हम नीले हुये जाते रहे विभाजन के

दंश से बारम्बार

पीढ़ी दर पीढ़ी

हत्यारों के खिलाफ

कहीं जारी नहीं होता

कोई फरमान यहाँ

मानवता के विरुद्ध

युद्ध अपराधी सारे

हमारे ईश्वर

भाग्य विधाता हमारे

हमारे विध्वंस और

वध के लिये बीजमंत्र

चण्डीपाठ महोत्सव

भोपाल गैस त्रासदी

का क्या

न्याय हुआ ?

क्या न्याय हुआ

सिखों के जनसंहार का ?

क्या न्याय हुआ

बाबरी विध्वंस

उपरांत देश विदेश

हुये सारे दंगों का

जो अब भी जारी है

गोधरा से लेकर

मुजफ्फरनगर तक

जल जंगल जमीन

से बेदखली के लिये

हर रोज नरसंहार

निनानब्वे फीसद के

खिलाफ जारी युद्ध

गृहयुद्ध सर्वत्र

संस्कृति यह

नरसंहार की

आर्थिक सुधार

नरसंहार

नरसंहार धर्म-कर्म

नरसंहार राज- काज

राजनीति

और अर्थव्यवस्था

नरसंहार की

यह खुल्ला

बाजार

जब तक

आसमान में होंगे

ड्रोन का पहरा

जब तक कैद

होंगी आँखों की

पुतलियाँ

जब तक कैद

होंगी हाथों

की छाप

जब तक रहेगी

जाति और जाति की

राजनीति

आत्मघाती

यह नरसंहार

परिदृश्य

हरगिज नहीं

बदलने वाला

अब हर गाँव

लक्ष्मणपुर बाथे है

हर कहीं लगा है

स्वजनों की

लाशों की दुकान

और राज है

मुर्दाफरोश