अमिताभ ठाकुर यूपी में खतरा महसूस कर रहे हैं तो दिल्ली बदली करा लें
अमिताभ ठाकुर यूपी में खतरा महसूस कर रहे हैं तो दिल्ली बदली करा लें
अमिताभ ठाकुर ने राजनाथ सिंह से मिलकर अपनी राजनीतिक दृष्टि का परिचय दिया। प्रशासकीय अधिकारी के नाते उनका यह कदम राजनीतिक है। वे यूपी सरकार के दायरे में अपनी आवाज न उठाकर समूचे मसले को राजनीतिक रंग दे रहे हैं। यदि उनको यूपी सरकार पर भरोसा नहीं है तो सही शासकीय और न्यायिक संरचनाओं की मदद लें, यदि राजनीति करनी है तो नौकरी छोड़ें और भाजपा का दामन संभालें।
उल्लेखनीय है यूपी के अनेक बड़े अफसर इसी तरह हंगामा करते हुए अंत में भगवा रंग में डुबकी लगा चुके हैं!
अमिताभ ठाकुर यूपी में खतरा महसूस कर रहे हैं तो दिल्ली बदली कराकर परिवार सहित चले आएं !
यूपी के एक आईपीएस अफ़सर कुछ दिन पहले रिटायर हुए, सोच रहे थे एक दल बनाएँ, घर पर मित्रों को बुलाकर चाय दी बातें कीं, लेकिन दो दिन बाद हाल ही में ये सज्जन आरएसएस की इफ़्तार पार्टी में संघियों के साथ अग्रणी क़तार में बैठे हुए थे, यूपी के अधिकांश आईपीएस और आईएएस कोटि के सज्जनबंधु पद मुक्त होकर भाजपा में गए हैं।
ऐसे अफ़सरों से साम्प्रदायिकता से लड़ने की उम्मीद करना छछून्दर के सिर में चमेली का तेल खोजने के बराबर है।
जिस आईपीएस अफ़सर को लगता है कि उसे समाजसेवी के रुप में काम करना है उसे यूपीएससी की परीक्षा न देकर कोई और काम खोजना चाहिए।
सत्ता की कुर्सी पर बैठकर समाजसेवा नहीं समाजमेवा ही लक्ष्य होता है ।
जगदीश्वर चतुर्वेदी


