लखनऊ। सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) ने युगल किशोर शास्त्री की गिरफ्तारी की भर्त्सना करते हुए मांग की है कि जीशान हत्या कांड की पुनर्विवेचना कर दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जाए और निर्दोष मुहम्मद इरशाद और आजाद अहमद को छोड़ा जाए।

पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संदीप पांडे, व गिरीश कुमार पाण्डेय, ओंकार सिंह, मोहम्मद शोएब, बॉबी रमाकांत ने आज यहाँ कहा कि 20 दिसम्बर 2013 को बिहार निवासी सैयद जीशान की अयोध्या की जिन्नाती मस्जिद में हत्या कर दी जाती है। साथ ही पैगम्बर शीश अलैह व उनकी बीवी की मजार, पी.ए.सी. कैम्प के नजदीक हजरत शमसुद्दीन की मजार तथा जिन्नाती मस्जिद में स्थित दो मजारों की तोड़-फोड़ की जाती है। जीशान की हत्या की सूचना देने वाले इमरान को ही पुलिस ने मारा पीटा और उसकी भांजी रानी से कहलवाना चाह रहे थे कि उसका जीशान के साथ अवैध सम्बंध था।

सोशलिस्ट नेताओं ने कहा कि मुहम्मद इरशाद पुत्र मंजूर अहमद जो जिन्नाती मस्जिद के मुअज्जिन हैं तथा आजाद अहमद दोनों हैबतपुर निवासी को पुलिस आरोपी बनाती है। जबकि उसी दिन आजाद के वालिद अब्दुल रऊफ की मृत्यु हुई थी। उन्होंने प्रश्न किया कि क्या कोई शोकाकुल बेटा उसी दिन किसी की हत्या और मस्जिद-मजार में तोड़-फोड़ करेगा?

सो.पा. नेताओं ने कहा कि जिन्नाती मस्जिद के सामने स्थित कब्रिस्तान में पी.ए.सी. के जवान शौच करने आते थे जिनको जीशान ने मना किया था। पी.ए.सी. कैम्प से पास हत्या हुई और पी.ए.सी. वालों को पता ही नहीं? उन्होंने बताया कि अयोध्या के महंथ युगल किशोर शास्त्री ने घटना की जांच हेतु एक नागरिकों का दल बनाया। इस जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि स्थानीय पुलिस घटना में पी.ए.सी. की संलिप्तता की जांच करने में अक्षम है इसलिए जांच सी.बी.आई. से कराई जाए। युगल किशोर शास्त्री 12 जनवरी, 2014, के अपने मंदिर में एक जन सुनवाई कर इस रपट को जारी करने वाले थे। किंतु 11 जनवरी को दिन में 1-2 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। हालाँकि देश भर में सामाजिक कार्यकर्ताओं में इस गिरफ्तारी के खिलाफ आये उबाल के बाद आधी रात में शास्त्री जी को रिहा भी कर दिया गया।