अंबरीश कुमार


अलीगढ , जुलाई ।चार दिन की किसान संदेश पदयात्रा के बाद आज यहाँ अराजनैतिक किसान महा पंचायत से राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में पस्त पड़ी कांग्रेस को राजनैतिक ताकत देने का एक और प्रयास किया । राहुल गाँधी ने आज यहाँ नुमाइश मैदान पर हुई किसान महा पंचायत से उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती पर निशाना साधते हुए कहा - उत्तर प्रदेश में किसानो को हक़ मांगने पर गोली मिलती है ।पहले जोरदार बरसात और फिर उमस भरी भीषण गरमी के बावजूद किसान पंचायत के पांडाल में में जितनी जगह थी उसमे जमकर भीड़ जुटी ।इस मौके पर कांग्रेस की तरफ से बुलाए गए किसानो ने भी अपनी बात रखी और कांग्रेसियों ने राहुल गाँधी की पदयात्रा की तुलना न सिर्फ दांडी यात्रा से की बल्कि उन्हें महात्मा गाँधी का राजनैतिक उतराधिकारी घोषित करने का प्रयास किया ।पहली बार ऐसा पोस्टर नजर आया जिसमे सिर्फ महात्मा गाँधी और राहुल गाँधी की फोटो थी ,कांग्रेस के बाकी गांधी मसलन फिरोज गाँधी ,इंदिरा गाँधी ,राजीव गांधी और सोनिया गाँधी गायब थे ।पर राहुल गाँधी पूरे तेवर में बोले और आर पर की लड़ाई के मूड में दिखे । जब राहुल गाँधी किसान नेता के रूप में उभर रहे हो तो बाकि औपचारिकताए भी निभाई गई ।मंच पर किसान नेताओं ने उन्हें पगड़ी बांधी और मंच पर आते लगातार नारे भी लगते रहे । किसान पंचायत में केंद्रीय मंत्रिमंडल में उत्तर प्रदेश के आधा दर्जन मंत्री भी शामिल थे । इनमे बेनी प्रसाद वर्मा ,श्रीप्रकाश जायसवाल ,जितिन प्रसाद सलमान खुर्शीद आदि प्रमुख थे । कुल मिलाकर इस पंचायत से राहुल गाँधी ने कांग्रेस का चुनाव अभियान शुरू कर दिया है ।सभा के बाद पास के गाँव से आए किसान ब्रिजेंदर सिंह ने कहा - अगर राहुल भैया अब मन लगाकर ऐसे ही गाँव गाँव में जुट जाए तो कांग्रेस में तो जान आ जाए ,पर वे तो कुछ दिन गायब हो जात है फिर अचानक उत्तर प्रदेश की याद आ जाती है ।इससे पहले किसान पंचायत में आए किसान नेताओं ने दिग्विजय सिंह को अपने अपने ज्ञापन पत्र आदि भी दिए ।नुमाइश मैदान में जो पांडाल लगा था उसकी क्षमता पंद्रह बीस हजार से ज्यादा नहीं थी जिसमे कांग्रेस के विधान सभा चुनाव के संभावित उम्मीदवारों की लाई गई भीड़ भी शामिल थी । पर किसान भी ठीक ठाक संख्या में थे ।
राहुल गांधी ने इस मौके पर कहा - भूमि अधिग्रहण कानून बदलने से ही किसानो को फायदा नहीं होगा बल्कि इसे लागू करने की नियत होनी चाहिए । मौजूदा भूमि अधिग्रहण कानून के बावजूद हरियाणा के किसानो को उनकी जमीन का वाजिब दाम मिलता है और इसकी जानकारी भी उन्हें काफी पहले दी जाती है । हरियाणा में जिस किसान की जमीन ली जाती है उसके बच्चे को रोजगार मिलता है ।पर उत्तर प्रदेश
में किसान जब अपनी जमीन के बदले अपना हक़ मांगता है तो उसे गोली मिलती है ।भट्टा पारसौल से लेकर टप्पल तक उदाहरण है ।उत्तर प्रदेश में लाखों किसानो की जमीन ली जा चुकी है । यहाँ पर किसान को तो तब पता चलता है जब बिल्डर आकर बताता है कि जमीन उसने खरीद ली है ।
राहुल गांधी ने मायावती समेत उन सभी नेताओं पर भी सवाल उठाया जिन्होंने उनके गाँव गाँव जाने का उपहास उड़ाया था ।राहुल गाँधी ने कहा - मै चार दिनों से गाँव गाँव जाकर किसानो की समस्याएं समझ रहा हूँ ।चार दिनों में मैंने गाँव गाँव जाकर आप लोगों के बीच रहकर जो सीखा है वह दिल्ली में रहकर नहीं सिख सकता था । मैंने गांवों में पचास पचास लोगों की बैठक की ।पर कहा गया यह सब नौटंकी है ।मेरी सोच है कि राजनेताओं को जनता के बीच जाने की जरुरत है ।अगर सरकार आपके बीच जाकर आपकी बात सुने तो लाठी चलने या गोली चलने की जरुरत ही न पड़े । राहुल गाँधी ने जिन इलाकों का दौरा किया है वे जाट बहुल इलाके है और राष्ट्रिय लोकदल के प्रभाव वाला इलाका माना जाता है । इस क्षेत्र में मायावती का कोई बड़ा वोट बैंक भी नहीं है इसलिए वे इस पदयात्रा को लेकर बहुत ज्यादा आक्रामक भी नहीं है । पर दलित का सवाल उन्होंने कल ही उठा दिया था कि राहुल गाँधी दलित के यहाँ खाना नहीं खा रहे है ।राहुल ने आज इसका राजनैतिक जवाब दलित का उदाहरण देते हुए ही दिया ।राहुल गाँधी ने कहा -पदयात्रा के दौरान एक दलित ने बताया कि उसका जो आधा खेत अधिग्रहित किया जा चुका है उसमे ट्यूबवेल लगा था ।अब बचे हुए खेत में उसे फिर से नया ट्यूबवेल लगाना पड़ेगा ।पर वह खेत भी कबतक बचा रहेगा नहीं कहा जा सकता । दलित के साथ राहुल गाँधी ने महिलाओं और आदिवासियों का सवाल भी उठाया । राहुल गाँधी ने पदयात्रा वाले गाँव का जिक्र करते हुए कहा - मुझे महिलाओं ने बताया कि किस तरह पुलिस वालों ने उनकी कड़ी फसल जला दी थी ।
अंत में राहुल गाँधी ने न सिर्फ नया भूमि अधिग्रहण कानून बनाने का भरोसा दिया बल्कि उसमे किसानो की राय लेने की भी बात कही ।राहुल गाँधी ने कहा -मेरी सोच है कि जो नया भूमि अधिग्रहण कानून बने जिसमे आप किसानो की भी हिस्सेदारी होनी चाहिए ।आपका सुझाव भी चाहिए होगा ।राहुल गाँधी से पहले कांग्रेस के कई नेताओं ने अपनी बात रखी । पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जगदंबिका पाल से लेकर मौजूदा अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी और कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रमोद तिवारी तक ।प्रमोद तिवारी ने इस मौके राहुल गाँधी की चार दिन की पदयात्रा की तुलना महात्मा गाँधी के दांडी यात्रा से करते हुए कहा उस यात्रा से अंग्रेजो की हुकूमत चली गई थी ।
इससे पहले कि किसान पंचायत पंचायत शुरू हो अलीगढ में हुई मुसलाधार बरसात ने सारे इंतजाम पर पानी फेर दिया ।करीब साढ़े दस बजे तक ऐसा नहीं लगा कि इतनी जोरदार बारिश होगी । बरसात के बाद कांग्रेसी फिर से व्यवस्था दुरुस्त करने में जुटे । इस बीच कांग्रेस के इस तथाकथित अराजनैतिक आयोजन में किसानो के लिए घडियाली आंसू बहाने वालों से सावधान करने वाले पर्चे ने कांग्रेसियों को जरुर सकते में डाल दिया । बिफरी रीता बहुगुणा जोशी ने इसे रामदेव और संघ परिवार का खेल बताया । पर कांग्रेस के छुटभैया नेताओं से लेकर राष्ट्रीय नेताओं के पोस्टर बैनर से पटे अलीगढ और नुमाइश मैदान के पंचायत स्थल तक यह कही से नही महसूस हो रहा था कि यह सब राजनीति नही है । कलफ लगे सफेद कुरते पैजामे में कांग्रेसी राहुल गाँधी जिंदाबाद के नारे के साथ चले आ रहे थे । एक उत्साही नेता ने महात्मा गाँधी की फोटो के साथ राहुल गांधी का फोटो देकर नारा दिया था , अतीत ही नही भविष्य भी । महात्मा गाँधी की फोटो के नीचे भी गाँधी लिखा था तो राहुल गाँधी की फोटो के नीचे भी सिर्फ गांधी ही लिखा था । साफ़ है महात्मा गाँधी का राजनैतिक उतराधिकारी अब राहुल गाँधी को बताने की कोशिश इस अराजनैतिक किसान पंचायत में की गई ।इस तरह की किसान पंचायत हमने पहली बार देखी जिसमे तीन मंच बने थे । एक बीच में तो दो दाएं और बांए । अराजनैतिक किसानो का मंच दाएं था तो राजनैतिक कांग्रेसियों का मंच बाएं ।ठीक उसी तरह जैसे बड़े भोज में सामिष और निरामिष खाने का इंतजाम अलग अलग होता है । पर यहाँ पर भाषणों का जो दौर शुरू हुआ तो सब राजनीति पर फोकस हो गया । पर कांग्रेस किसानो के सवाल पर आगे बढ़ रही है यह जरुर नई घटना है । कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि राहुल गांधी इस तरह की पदयात्रा उत्तर प्रदेश के कुछ और अंचलों में शुरू करेंगे तभी चुनाव से पहले माहौल बनेगा । राहुल की यात्रा का प्रबंधन बीस नौजवानों की एक टीम करती है जो न तो मीडिया से संपर्क रखती है और न ही कुरता पैजामा वाली वेश भूषा में होती है ।जानकारी के मुताबिक यह टीम अब दूसरे अभियान के लिए कमर कस रही है ।
jansatta