अलेप्पो का नरसंहार मानवता की हत्या है, नारों से गूंज उठा देवबंद.....
देवबंद 24 दिसंबर। अलेप्पो में बशार अल असद, रूस और ईरान की सेनाओं द्वारा किये जा रहे नरसंहार के खिलाफ कल देवबंद में एक जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया गया।
मजलिस इत्तिहाद ए मिल्लत और जस्टिस एंड डेवलपमेंट फ्रंट के तत्वधान में किये गये इस विरोध कार्यक्रम में सैंकड़ों की संख्या में मदरसों के छात्रों और शहर के बाशिंदों ने भाग लिया।
बशार अल असद, पुतिन और ईरान मुर्दाबाद के नारों के बीच सीरियाई राष्ट्रपति बशार उल असद का पुतला फूंका गया।
विरोध सभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ आलिम ए दीन मौलाना नदीम अल ने वाजदी कहा कि अलेप्पो का नरसंहार मानवता की हत्या है। और दुनिया की आपराधिक चुप्पी यह बताती है कि लाखों इंसानों के खून की कोई कीमत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह आक्रामकता और दरिंदगी एक संगठित साजिश का नतीजा है।
अलीगढ़ से आए मौलाना डॉक्टर उबैद इकबाल आसिम कहा कि अलेप्पो के बच्चों, महिलाओं और मासूम इंसानों के नरसंहार में विश्व शक्तियों का हाथ है। रूस, ईरान और सीरियाई सेना ने वहां आतंकवाद के नाम पर निहत्थे बच्चों और महिलाओं पर खतरनाक बमबारी की है, जिससे पूरी मानवता शर्मसार है।
उन्होंने कहा इस नरसंहार की जिम्मेदारी संयुक्त राष्ट्र की भी है। आईएस और अन्य आतंकवादी संगठनों के नाम पर मासूम इंसानों का नरसंहार साम्राज्यवादी शक्तियों की सामूहिक साजिश का नतीजा है। इसके पीछे यहूदी शक्तियों का हाथ है।
मजलिस इत्तिहाद ए मिल्लत के महासचिव अतहर उस्मानी ने कहा कि अलेप्पो में मुसलमानों का नहीं मानवता का जनाज़ा निकाला गया है। और संयुक्त बलों की ओर से निर्दोष, निहत्थे, बेगुनाहों पर इसदरिंदगी ने यह बतलाया है कि सीरिया में आतंकवाद के नाम पर कोई दूसरा खेल खेला जा रहा है, जिसमें केवल बेगनाहों का खून बह रहा है।
उन्होंने कहा कि मजलिस इत्तिहाद ए मिल्लत अलेप्पो के शहीदों के साथ संवेदना व्यक्त करती है। और उनके लिए खुदा से दुआ करती है।
जस्टिस एंड डेवलपमेंट फ्रंट के राष्ट्रीय संयोजक मेहदी हसन एैनी कासमी ने बड़े ही दुख के साथ यह बताया कि शाम का शहर अलेप्पो पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है। निहत्थे बच्चों और महिलाओं पर घातक हथियारों के उपयोग के परिणामस्वरूप हजारों मासूम लोग मार दिये गये हैं, और लाखों लोग अपाहिज हो गए हैं।
लगभग तीस लाख से अधिक सीरियाई नागरिकों को अपना वतन छोड़कर तुर्की और अन्य देशों में जाना पड़ा है।
उन्होंने भारतीय राष्ट्रपति से अपील की है कि वह भारत की इंसानी हमदर्दी के इतिहास को दोहराते हुए सीरिया और रूस के राजदूतों को निर्वासित करें। और शाम, रूस, और ईरान से मानवीय आधार पर हर तरह के राजनयिक संबंध समाप्त करने का आदेश दें.
अंत में उस्ताद ए हदीस मुफ्ती शौकत साहब बसतवी ने आयत का विर्द करते हुए पुरसोज़ दुआ कराई..
इस ऐतिहासिक विरोध के मौके पर मौलाना महमूद बसतवी, शाहनवाज सिद्दीकी, सुफियान काजमी, जुनैद काज़मी असदुल्लाह ग़ालिब, यासिर तैयब, अफजाल कुरैशी, सुशील जायसवाल, अमित कुमार, मुकेश कुमार, पवन कुमार, मोनू कुमार, रिशब त्यागी सहित सैकड़ों तलबा और देवबंद नगर के हिन्दू मुस्लिम निवासी मौजूद थे।