Condemnation of sending AISA state vice-president to jail again, seeking release

लखनऊ, 12 जनवरी। भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने आइसा प्रदेश उपाध्यक्ष नितिन राज को सीएए-एनआरसी के खिलाफ पिछले साल घंटाघर (लखनऊ) पर हुए आंदोलन में भाग लेने के कारण मंगलवार को फिर से जेल भेजने की निंदा की है और उन्हें बिना शर्त रिहा करने की मांग की है।

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने एक बयान में इसे योगी सरकार की लोकतंत्र-विरोधी कार्रवाई बताया।

आइसा नेता सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर कोरोना काल में मिले पैरोल पर रिहा हुए थे। मंगलवार को अदालत में राज्य सरकार के विरोध के कारण उनकी जमानत मंजूर नहीं हुई।

माले नेता ने कहा कि यह लोकतांत्रिक आंदोलन व छात्र नेता के प्रति योगी सरकार के दमनकारी रुख का परिचायक है। योगी राज में शांतिपूर्ण आंदोलन में भाग लेना भी अपराध है। यह कानून का शासन नहीं, बल्कि जंगल राज है।