आईआईटी के सामने नई मुसीबत, मंत्रीजी का हुक्म- साबित करो संस्कृत वैज्ञानिक भाषा है
आईआईटी के सामने नई मुसीबत, मंत्रीजी का हुक्म- साबित करो संस्कृत वैज्ञानिक भाषा है
नई दिल्ली, 17 अगस्त। देश के प्रमुख संस्थान आईआईटी और एनआईटी भी मोदी जी के न्यू इंडिया में थर-थर काँप रहे हैं। अब उनके गले एक नई मुसीबत पड़ गई है। दरअसल अब उन के सामने अब एक नया टास्क है.. उन्हें साबित करना है कि संस्कृत वैज्ञानिक भाषा है।
यह टास्क किसी और ने नहीं बल्कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' (Union Human Resource Development Minister Ramesh Pokhriyal 'Nishank') ने शनिवार को आईआईटी और एनआईटी के निदेशकों और चेयरमैन को दिया है कि वे साबित करें कि संस्कृत सबसे वैज्ञानिक भाषा है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (Indira Gandhi National Open University known as IGNOU) इग्नू में आयोजित ज्ञानोत्सव 2076 समारोह में मंत्री ने कहा,
"हम संस्कृत की काबिलियत सिद्ध नहीं कर पाए, इसीलिए हम पर सवाल उठाए जाते हैं। मैं आईआईटी और एनआईटी के कुलपतियों और कुलाधिपतियों से आग्रह करता हूं कि हमें इसे साबित करना चाहिए।"
उन्होंने आलोचकों को चुनौती देते हुए कहा कि वे उन्हें बताएं कि संस्कृत से ज्यादा वैज्ञानिक भाषा कौन-सी है।
उन्होंने कहा, "नासा ने इस बात को स्वीकार किया है कि संस्कृत सबसे वैज्ञानिक भाषा है, जिसमें शब्द उसी तरह लिखे जाते हैं, जिस तरह बोले जाते हैं। अगर बोलने वाले कंप्यूटर की बात करें तो संस्कृत उनके लिए ज्यादा उपयोगी होगी। अगर नासा संस्कृत को ज्यादा वैज्ञानिक भाषा मान सकती है तो आपको क्या दिक्कत है?"
उन्होंने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। अगर आप संस्कृत से पुरानी किसी भाषा के बारे में जानते हैं तो हमें बताएं।
उन्होंने दावा किया कि हिंदू ग्रंथों में गुरुत्वाकर्षण बल की चर्चा इसाक न्यूटन से हजारों वर्ष पहले की गई है।
मंत्री ने दावा किया कि ऋषि प्रणव ने सबसे पहले एटम और मॉलीक्यूल का आविष्कार किया।
रोचक बात यह है कि मंत्री ने आईआईटी-बंबई में दावा किया था कि चरक ऋषि ने सबसे पहले एटम और मॉलीक्यूल की खोज की थी।
मोदीजी के इस न्यू इंडिया में आपका स्वागत है।
IIT will prove that Sanskrit is a scientific language


