आजादी की लड़ाई के साथ गद्दारी करने वाले आज सबसे बड़े राष्ट्रवादी होने का दावा कर रहे
आजादी की लड़ाई के साथ गद्दारी करने वाले आज सबसे बड़े राष्ट्रवादी होने का दावा कर रहे
फैजाबाद। 1857 से लेकर 1947 तक चली आजादी की जंग में ब्रिटिश हुकूमत के साथ देकर आजादी की लड़ाई के साथ गद्दारी करने वाले आज सबसे बड़े राष्ट्रवादी होने का दावा कर रहे हैं। केन्द्र की भाजपा सरकार ने बीते 6 महीनों में शिक्षा के भगवाकरण के सभी प्रयास शुरू कर दिये हैं, साथ ही देश के इतिहास को बदलने की तैयारी हो रही है। देश में जल, जंगल, जमीन पर खतरा और बढ़ गया है। भूमि अधिग्रहण कानून को और किसान विरोधी बनाने की योजना चल रही है, जो कि हमारे लिए चुनौती का विषय है। केन्द्र सरकार के यह प्रयास हमारे संविधान की मूल भावना के समक्ष खतरा है।
यह उद्गार शाने अवध सभागार में राष्ट्रीय समाजिक कार्यकर्ता एडवाकेट तीस्ता शीतलावाड़ ने भारतीय संविधान के समक्ष खतरे विषय पर आयोजित सेमिनार में कहीं। सेमिनार का आयोजन मूवमेंट फॉर ह्यूमन राइट्स एवं जस्टिस और जनमंच ने किया। उन्होंने कहा कि गुजरात माडल एक धोखा है आज भी वहां आदिवासी, मुस्लिम, दलित इलाकों में न्यूनतम बिजली, पानी-सड़क-बैंक का अभाव है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुफ्ती मिफ़जालुर्रहमान सुलतानपुरी ने कहा हमारे संविधान के लिए जो खतरे पैदा हो रहें उसका मुकाबला हम सब को मिलजुल कर करना है।
कार्यक्रम का संचालन मो0 अनीस व डॉ. अनिल सिंह ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करने वालों में जनमोर्चा के सम्पादक शीतला सिंह, बनारस से आयी हुई मुनेजा खातून, सामाजिक कार्यकर्ता गुफ़रान सिद्दीकी व अख्तर सिद्दीकी आदि प्रमुख रहे और उक्त विषय में विस्तार से अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में खुले संवाद कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया जिससे लोगों के प्रश्नों का जवाब सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता शीतलवाड़ ने दिया।
कार्यक्रम में शामिल लोगों में सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश सिंह, आर0टी0आई0 कार्यकर्ता मो0 अतहर शम्सी (एडवोकेट), शिल्पी चौधरी, आफ़ाक, मो0 तुफैल, मो0 आरिफ, ख़ालिद खान, मास्टर अहमद अली, ज़मीर अहमद, विनीत मौर्य, डॉ. धीरज कुमार सोनी, के0पी0 सिंह, एडवोकेट एस0एम0 अब्बास, एडवोकेट जैदी, शुऐब ख़ान, एहतिशाम अहमद, आर0डी0 आनन्द, सईद अहमद आदि सैंकड़ो लोग रहे।
O- दिनेश सिंह


