आतंकवाद के विरुद्ध आवाज़-सऊदी अरब और वहाबियों के विरुद्ध भारत के मुसलमानों का विशाल प्रदर्शन
भारत की राजधानी नई दिल्ली में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में एकजुट होकर मुसलमानों ने आईएसआईएल और तकफ़ीरी आतंकवाद के विरुद्ध आवाज़ बुलंद की।
दिल्ली में खराब मौसम और बारिश के बावजूद पूरे भारत से बहुत बड़ी संख्या में मुसलमान दिल्ली के रामलीला मैदान में एकत्रित हुए और तकफ़ीरी आतंकवाद के खिलाफ नारे लगाए।
आल इंडिया तंज़ीमे उलेमा-ए-इस्लाम की ओर से आयोजित इस रैली में दुनिया भर के धर्मगुरुओं और विद्वानों ने भाग लिया।
लंदन से आए इस्लामिक मिशन के सेक्रेटरी जनरल अल्लामा फ़ूरुग़ुल क़ादरी ने कहा कि सऊदी अरब की ओर से जिस तरह पेट्रो डॉलर के दाम पर आईएसआईएल द्वारा इस्लाम के नाम पर आतंकवाद फैलाया जा रहा है, उसको बेनक़ाब करना ज़रूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि ज़रूरी हो गया है कि भारत के मुसलमान आतंकवाद के ख़िलाफ खुल कर सामने आएं।
अल्लामा क़ादरी ने कहा कि चूंकि आतंकवाद के विरुद्ध राजनितिक संगठन सही ढंग से काम नहीं कर रहे हैं इसलिए अब मुसलमान धर्मगुरुओं को आगे आना चाहिए और पूरी दुनिया को यह बताना चाहिए कि सऊदी अरब जो दुनिया भर में स्वंय को इस्लाम और मुसलमानों का ठेकेदार बताता है, वास्तव में दुनिया भर में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।
इस्लामिक मिशन के सेक्रेटरी ने कहा कि आईएसआईएल, अल-क़ायदा, तालेबान सहित हिज़बुल मुजाहेदीन, लश्कर-ए-तैय्यबा, सिपाहे सहाबा, लश्कर-ए-झंगवी जैसे आतंकवादी गुटों का संरक्षक है सऊदी अरब। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भर में इस्लामिक संस्कृति के प्रतीक तमाम ऐतिहासिक इमारतें सूफी संतों की दरगाहें ख़तरें में पड़ गई हैं।
अल्लामा क़ादरी ने उल्लेख किया कि इस तरह की शुरुआत सऊदी शासन ने जन्नतुल बक़ी को ध्वस्त करने से की थी जो आज तक तकफ़ीरी आतंकियों द्वारा जारी है।
रैली में आए हुए मुस्लिम विद्वानों ने कहा कि आतंक का जनक, सऊदी शासन का पैसा और वहाबियत है।
आल इंडिया उलेमा-ए-इस्लाम के सेक्रेटरी ने कहा कि आतंकवाद किसी मज़हब की नुमाईंदगी नहीं करता और आतंकवादी किसी धर्म को नहीं मानते। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के दलदल में धकेलने वाले सुन्नी नहीं हैं बल्कि वहाबियत है और शीओं का खून बहाने वाले दरअसल इंसानियत का खून बहा रहे हैं।
आल इंडिया उलेमा-ए-इस्लाम के सेक्रेटरी ने कहा कि वहाबी मानसिकता धरोहरों को नष्ट करके इस्लाम का नामो निशाँ मिटा देना चाहती है, मुसलमानों को एकजुट हो कर इनसे मुक़ाबला करना चाहिए और जब मुसलमान एकजुट हो जाएगे तो आतंकवाद का समूल सफाया हो जाएगा। (AZ)
साभार- ईरान हिंदी रेडियो
वहाबियत आतंक का जनक- मुस्लिम विद्वानों की राय