आदिवासियों के साथ क्रूरता इस लिये ताकि उद्योगपति आदिवासियों की जमीनों पर कब्ज़ा कर सकें
आदिवासियों के साथ क्रूरता इस लिये ताकि उद्योगपति आदिवासियों की जमीनों पर कब्ज़ा कर सकें

बस्तर का सच - माओवादी होने के आरोप में बंद पति के इंतजार में आदिवासी महिला की मौत के बाद अदालत ने दी हुर्रे के अंतिम संस्कार में शामिल होने कीअनुमति
बस्तर में माओवादियों के उन्मूलन के नाम पर पुलिस ज्यादती से ग्रामीणों का जीना मुहाल
आदिवासियों के साथ क्रूरता क्यों ?
हिमांशु कुमार
पुलिस द्वारा पेट पर डन्डा मारने से गर्भवती आदिवासी महिला हुर्रे की मृत्यु हो गयी थी। उसके पति हुन्गा को पुलिस नें फर्जी़ आरोप लगा कर जेल में बन्द किया हुआ है। कोर्ट ने हुन्गा को एक दिन की ज़मानत दी है।
हुंगा अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार करेगा, शाम को उसे फिर से जेल में डाल दिया जायेगा।
आदिवासियों के साथ यह सब क्रूरता इस लिये करी जा रही है ताकि उद्योगपति आदिवासियों की जमीनों पर कब्ज़ा कर सकें और मुख्यमंत्री रमन सिंह अपने स्विस बैंक खाते में और रूपये भेज सके।
Himanshu Kumar हिमांशु कुमार, प्रसिद्ध गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उनकी फेसबुक टाइमलाइन से साभार
Web Title : Why cruelty to tribals? so that industrialists can take possession of tribal lands !


