रायपुर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने सुकमा के भेज्जी में हुए माओवादियों के हमले के बाद सुरक्षा बलों द्वारा आदिवासियों को प्रताड़ित करने और महिलाओं के साथ यौन-दुर्व्यवहार करने की घटनाओं की तीखी निंदा की है.

आज यहां जारी एक बयान में माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि ऐसा लगता है कि कल्लूरी की विदाई के बाद भी नक्सली कुकृत्यों का बदला आदिवासियों से लेने की प्रशासन की नीतियों में कोई बदलाव नहीं आया है. पूरे आदिवासी समुदाय को ही माओवादी मानने की समझ से प्रशासन आदिवासियों का विश्वास हासिल नहीं कर सकता है, बल्कि उनके समाज से अलगाव की प्रक्रिया को ही तेज करता है. ऐसी नीतियों से उन्हें माओवादियों के खिलाफ कोई सफलता हासिल नहीं होने वाली है.

माकपा ने सुरक्षा बलों द्वारा की जा रही ज्यादतियों की जांच और आदिवासियों के जीवन-अधिकारों को सुनिश्चित करने की मांग की है.