आरएसएस की शाखा में तब्दील होते भारतीय टीवी चैनल.........
आरएसएस की शाखा में तब्दील होते भारतीय टीवी चैनल.........
आरएसएस की शाखा में तब्दील होते भारतीय टीवी चैनल....................
जगदीश्वर चतुर्वेदी
भारतीय टीवी चैनलों का यह रोज़नामचा बन गया है कि हर रोज़ आरएसएस के थिंक टैंक संगठनों में काम करने वाले हिन्दुत्ववादी चिंतकों को बुलाकर सम सामयिक विषयों पर उनकी राय सुनायी जा रही है।
हमारी सिर्फ एक आपत्ति है कि आरएसएस अपने को सामाजिक संगठन होने का दावा करता है फिर उसके विचारक सम सामयिक राजनीतिक विषयों पर क्यों बोलते हैं ? यदि वे बोलना चाहते हैं तो संघ अपने को राजनीतिक संगठन घोषित करे। यह पाखंड बंद होना चाहिए।
दूसरी बात यह कि टीवी चैनलों को यह बताना चाहिए वे किस आधार पर संघ के प्रवक्ताओं को हर रोज़ बुलाते हैं ? क्या देश में वही एकमात्र संगठन है जिसके लोग बुलाए जाएँ?
क्या देश में समाजविज्ञान, विज्ञान आदि के बुद्धिजीवियों का अभाव है ?
संघ के प्रतिनिधियों को तरजीह देकर टीवी चैनल सुनियोजित ढंग से देश की जनता में घटिया विचारों का प्रचार -प्रसार करके हिन्दू साम्प्रदायिकता के प्रसार में सीधे भूमिका निभा रहे हैं।
भारतीय टीवी चैनलों की साख इस समय सबसे नीचे है, मोदी बोला वही खबर है। मोहन भागवत बोला वही खबर है। इस पैमाने पर बलूचिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर को प्रमुख खबर बना दिया गया।
सवाल यह पहले इन इलाकों से खबर लाने में इन चैनलों ने दिलचस्पी क्यों नहीं दिखाई? पीओके और बलूचिस्तान में खबरें पहले भी थीं लेकिन भारतीय चैनल वहां कभी नहीं गए, उनके वहां संवाददाता तक नहीं हैं, ऐसी अवस्था में टीवी चैनलों की साख कैसे रहेगी?
भोंपू की साख नहीं होती!?
पीओके और बलूचिस्तान पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त के पहले कभी कोई भाषण या बयान दिया हो तो मोदी भक्तगण उपलब्ध कराएं।
क्या मोहन भागवत मंडली ने कोई आंदोलन किया, कृपया जानकारी उपलब्ध कराएं।
(जगदीश्वर चतुर्वेदी की फेसबुक पोस्ट्स का समुच्चय)


