आरक्षण का पालन न किए जाने के ख़िलाफ ज्ञापन

अंबेडकर स्टूडेंट्स फ़ोरम ने हिंदी विश्वविद्यालय प्रशासन के ख़िलाफ मोर्चा खोला

वर्धा, 23 जून, 2016. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के एम.फिल./पी.एच.डी. प्रवेश परीक्षा के साक्षात्कार के लिए चयनित अभ्यर्थियों की सूची में एस.सी-एस.टी.-ओबीसी-पीएच के आरक्षण (प्रतिनिधित्व) का सही तरीके से पालन न किए जाने के खिलाफ अंबेडकर स्टूडेंट्स फोरम-एएसएफ ने मोर्चा खोल दिया है।

आज संगठन का एक प्रतिनिधि मंडल विवि के प्रो-वीसी एवं रजिस्ट्रार से मिला और अपना ज्ञापन देकर इस मुद्दे पर काफी देर तक बातचीत की।

एएसएफ ने प्रशासन को एक दिन का समय देकर यह अनुरोध किया कि इस दोषपूर्ण सूची को जल्द-से-जल्द ठीक किया जाए ताकि वंचित तबके के अभ्यर्थियों के साथ किसी तरह का कोई अन्याय न होने पाए। अन्यथा छात्र समुदाय प्रशासन के इस संविधान विरोधी और जातिवादी रवैये के खिलाफ आंदोलन करने पर मजबूर होगा।

अंबेडकर स्टूडेंट्स फोरम की तरफ से दिए गए ज्ञापन में मुख्य माँगें इस प्रकार हैं-

एमफिल/पी.एच.डी. साक्षात्कार में चयनित अभ्यर्थियों की सूची में आरक्षण नियमों का समुचित (प्रतिनिधित्व) का पालन किया जाए।

जिस अभ्यर्थी का चयन सामान्य कोटे में हुआ है, उसका रोल नंबर अपने आरक्षित श्रेणी में नहीं होना चाहिए। उसकी जगह अन्य एस.सी-एस.टी.-ओबीसी-पीएच अभ्यर्थियों का चयन आरक्षित कैटगरी में होना चाहिए।

हर विभाग की सूची में रोल नंबर के साथ अभ्यर्थी का नाम, माता/पिता का नाम, श्रेणी (कैटेगरी), कट ऑफ मार्क्स के अनुसार सूची जारी होनी चाहिए।

कुछ विभागों में एक ही रोल नंबर को एक ही सूची में दो-दो बार जारी किया गया है, इसको तत्काल ठीक किया जाए।
पूरी साक्षात्कार प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष ढंग से सम्पन्न कराना सुनिश्चित किया जाए ताकि वंचित तबके के साथ किसी तरह का कोई भेदभाव न होने पाए।

प्रोफ़ेसर रतन लाल बहुजन डाइवर्सिटी मिशन के कार्यक्रम में