अंबरीश कुमार

लखनऊ अगस्त। ऑल इंडिया स्टूडेण्ट्स फेडरेशन पचहत्तर साल बाद फिर वहीं पर अपने छात्र नौजवान कार्यकर्ताओं को बुला रहा है जहाँ से उसने अपना सफ़र शुरू किया था। ऑल इण्डिया स्टूडेण्ट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) की स्थापना 12-13 अगस्त 1936 को लखनऊ में ही ऐतिहासिक गंगा प्रसाद मेमोरियल हाल में हुयी थी। और तब इसका उद्घाटन पण्डित जवाहर लाल नेहरु ने किया था। प्रदेश के इंकलाबी छात्र नेताओं की पहल पर देश के विभिन्न हिस्सों में अँग्रेजी हुकूमत के खिलाफ संघर्षरत छात्र नेताओं व संगठनों ने मिल कर इस संगठन की स्थापना की थी। स्थापना सम्मेलन में मोहम्मद अली जिन्ना विशिष्ट अतिथि थे। स्थापना सम्मेलन के लिये महात्मा गांधी और कविवर रवींद्र नाथ टैगोर ने अपने शुभकामना संदेश भेजे थे।

आजादी की लड़ाई के बाद आजाद भारत में भी एआईएसएफ ने छात्रों नौजवानों को लामबन्द कर बड़े आंदोलन किये और देश में तेज तर्रार नौजवान नेताओं की कतार खड़ी कर दी। एक ज़माने में फेडरेशन की सदस्यता काफी महत्वपूर्ण मानी जाती थी। उत्तर प्रदेश में छात्र आन्दोलनों का लम्बा इतिहास रहा है जिसमें समाजवादी और वामपंथी संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इन संगठनों ने अंतराष्ट्रीय मंच पर भी अपनी मौजूदगी दर्ज करायी। प्रदेश में सत्तर और अस्सी के दशक में छात्र आंदोलन का नेतृत्व करने वाले फेडरेशन के छात्र नेता अतुल कुमार अंजान, लखनऊ विश्विद्यालय के अंतिम वामपंथी अध्यक्ष रहे थे। जिसके बाद राजनीति में अपराधियों का वर्चस्व बढ़ा तो तो भगवा ब्रिगेड भी मंदिर के नाम पर विश्विद्यालय परिसरों में घुस गयी।

अब लखनऊ के उसी गंगा प्रसाद मेमोरियल हाल में पुराने छात्र नेताओ का भी जमावड़ा होने जा रहा है। भाकपा के सचिव गिरीश ने इस सम्मलेन के बारे में जानकारी देते हुये कहा स्थापना सम्मेलन में उस समय के एक बहुत ही जुझारू छात्र नेता प्रेम नारायण भार्गव को प्रथम महासचिव चुना गया था। जिसके बाद फेडरेशन के आन्दोलनों का दौर शुरू हुआ। 1936 से लेकर 1947 तक एआईएसएफ ने आजादी के आंदोलन में अभूतपूर्व योगदान दिया। आजादी के बाद से लेकर आज तक यह संगठन शिक्षा के जनवादी अधिकार, सभी को समान शिक्षा, रोजगार परक शिक्षा के लिये व शिक्षा के व्यापारीकरण और विदेशी विश्वविद्यालयों की घुसपैठ के खिलाफ आंदोलन कर रहा है। काम दो या जेल दो व बेरोजगारों को काम या बेरोजगारी भत्ता जैसे सवालों पर इसने जुझारू आंदोलन चलाये हैं। उन्होंने कहा कि कई छात्र नेताओं ने इन अभियानों में शहादत दी और असंख्य ने जेलें काटीं। एआईएसएफ के 75 वर्षों के इन ऐतिहासिक संघर्षों, अप्रतिम बलिदानों और असंख्य उपलब्धियों को समर्पित प्लेटिनम जुबली समारोह 12-13 अगस्त को उसी गंगा प्रसाद मेमोरियल हाल में होने जा रहा है। जिसका उदघाटन उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश व उत्तरांचल के पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति हैदर अब्बास रज़ा करेंगे। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर एक प्रदर्शनी भी लगायी जा रही है जिसका उद्घाटन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उप महासचिव का. सुधाकर रेड्डी, पूर्व सांसद प्रातः 10.30 बजे करेंगे। इसी दिन अपरान्ह 3 बजे पूर्व साथियों व विशिष्ट जनों का सम्मान किया जायेगा व पाँच बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।

13 अगस्त को प्रातः 9 बजे एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है जिसका विषय होगा- वर्तमान परिस्थितियों में छात्रों की भूमिका।

समारोह में पूरे देश से लगभग 500 छात्र प्रतिनिधि व विशिष्ट जन भाग लेने के लिए आ रहे हैं जिनके स्वागत की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गयीं हैं।

समारोह में प्रमुख रूप से भाकपा सांसद डी. राजा, न्यू एज के सम्पादक शमीम फैजी, आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की सचिव अमरजीत कौर, अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव अतुल कुमार अंजान व आल इंडिया फेडरेशन आफ यूनिवर्सिटी एंड कालेज टीचर्स आर्गनाईजेशन्स के महासचिव अशोक बर्मन आदि विभिन्न अवसरों पर अपने विचार व्यक्त करेंगे।

विरोधसे साभार

jansatta