इतने भी भोले न बनो कन्हैया, कमंडल का विस्तार था मंडल
इतने भी भोले न बनो कन्हैया, कमंडल का विस्तार था मंडल
तुम्हारी पॉलिटिक्स क्या है कमरेड कनहींय्या ???
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष कनहींय्या कुमार ने राष्ट्रीय सेलीब्रिटी बनकर उभरे हैं।
“हम लेके रहेंगे आजादी/ मनुवाद से आजादी/ संगठित से आजादी” नारे लगाते कनहींय्या कुमार की जेल से लौटने के बाद जेनयु की एडमिन ब्लॉक की तस्वीर और पटना में राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव के सामने नतामस्स न होकर बच ऑफ थॉट्स ग्रहण करते कनहींय्या कुमार की तस्वीरों के बीच का अंतर आप कैसे देखते हैं ?
यह सवाल आज अचानक उ खड़ा हुआ है जब रोहित वेमुला का न्याय का आंदोलन पीछे छूटता हुआ दिखाया दे रहा है। हो सकता है, ऐसा सोचना हमारी जल्दबाजी हो, ऐसा भी हो सकता है हमारा सोच नकारात्मक हो, लेकिन सवाल तो अब ही गया है, खासकर तब जब कनहींय्या कुमार जेल से आने के बाद राहुल गांधी से भी मिल आए हों, अब लालू-नीतीश से भी मिल आए हों, लेकिन दिल्ली में ही न तो अपने पार्टी महासचिव सुधाकर रेड्डी से मिलने का वक्त निकाला पाए हैं और न माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से कनहींय्या के मिलने की खबरें हों तो हमारी पहचाने हमें साथ करें, हमारी याददाश्त साथ नहीं दे रही है, वैसे AISF का एक वक्तव्य वॉट्सएप ग्रुप्स में घूम रहा है जिसमें कहा गया है कि कनहींय्या कुमार सुधाकर रेड्डी और सीताराम येचुरी से भी मिल चुके हैं।


