इमरान खान के हकीकी आजादी पर जस्टिस काटजू का लेख

नई दिल्ली, 25 जून 2023: सर्वोच्च न्यायालय के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने कहा है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तान में हकीकी आजादी के लिए लड़ रहे हैं।

हस्तक्षेप न्यूज़ डॉट कॉम पर अंग्रेज़ी में लिखे अपने एक संक्षिप्त लेख में जस्टिस काटजू ने लिखा कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान पाकिस्तान में फासीवादी ताकतों और आतंक के शासन के खिलाफ एक वीरतापूर्ण संघर्ष का नेतृत्व कर रहे हैं, चुनाव और लोकतंत्र की बहाली की मांग कर रहे हैं।

अपने भाषणों में (अपने घर से ऑनलाइन दिए गए, क्योंकि वह व्यावहारिक रूप से घर में नजरबंद हैं) वह अक्सर 'हकीकी आजादी' (वास्तविक आजादी) का आह्वान करते हैं। इसका अर्थ क्या है ? इसका अर्थ है सामाजिक-आर्थिक स्वतंत्रता यानी गरीबी, बेरोजगारी, कुपोषण, मूल्य वृद्धि, स्वास्थ्य देखभाल की कमी और अच्छी शिक्षा आदि से मुक्ति।

उन्होंने लिखा कि इनके बिना, संविधान में उल्लिखित राजनीतिक और नागरिक अधिकार, उदाहरणार्थ. स्वतंत्रता, बोलने की आज़ादी, समानता आदि खोखले और अर्थहीन हैं। क्या अभिव्यक्ति की आज़ादी, स्वतंत्रता, समानता आदि का उस व्यक्ति के लिए कोई मतलब है जो गरीब, भूखा और बेरोजगार है? उसे भोजन और नौकरी जैसी ठोस चीज़ों की ज़रूरत है, न कि आज़ादी और बोलने की आज़ादी जैसी अमूर्त चीज़ों की।

जस्स्टिस काटजू ने लिखा कि इस संबंध में कोई राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट के 11 जनवरी 1944 को उनके स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन में दिए गए द सेकेंड बिल ऑफ राइट्स नामक प्रसिद्ध भाषण का उल्लेख कर सकता है।

इस भाषण में राष्ट्रपति रूजवेल्ट ने कहा कि अमेरिकी संविधान में अधिकारों का विधेयक, जिसमें बोलने की आज़ादी, स्वतंत्रता, समानता आदि की गारंटी देने वाले प्रावधान शामिल थे, स्पष्ट रूप से अपर्याप्त साबित हुए थे, और अब सभी नागरिकों को कुछ सामाजिक गारंटी देने वाले अधिकारों-आर्थिक अधिकार उदा. अच्छी आय, पौष्टिक भोजन, उचित स्वास्थ्य देखभाल, आवास आदि के साथ रोजगार- के दूसरे विधेयक की आवश्यकता थी।

उन्होंने आगे लिखा कि हक़ीक़ी आज़ादी का वास्तव में वही अर्थ है जो राष्ट्रपति रूज़वेल्ट ने कल्पना की थी। लेकिन नागरिक और राजनीतिक अधिकार यानी लोकतंत्र, स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आदि इन सामाजिक-आर्थिक अधिकारों की प्राप्ति में मदद करते हैं, क्योंकि वे उन्हें मांगने और उनके लिए लड़ने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं।

जस्टिस काटजू का मानना है कि पाकिस्तान में लोकतंत्र की लड़ाई, जिसके लिए इमरान खान लड़ रहे हैं, हक़ीक़ी आज़ादी हासिल करने के लिए बहुत ज़रूरी है।

Imran Khan is fighting for Haqeeqi Azadi in Pakistan