ईद के राजपत्रित अवकाश को रद्द करने के खि़लाफ़ जनहित याचिका दायर
ईद के राजपत्रित अवकाश को रद्द करने के खि़लाफ़ जनहित याचिका दायर
नई दिल्ली। राजस्थान सरकार के कॉलेज शिक्षा विभाग द्वारा ईदुल अज़हा के दिन राजपत्रित अवकाश को रद्द कर प्रदेश के समस्त कॉलेजों में रक्तदान शिविर आयोजित किये जाने को चुनौती देते हुए आज फोरम फोर डेमोक्रेसी एण्ड कम्यूनल एमिटी (एफडीसीए) ने राजस्थान उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की है।
एफडीसीए के प्रदेशाध्यक्ष श्री सवाई सिंह ने एक विज्ञप्ति में कहा कि राज्य सरकार का यह क़दम पूर्णतः असंवैधानिक और नागरिक अधिकारों का हनन है। उन्होंने कहा कि एफडीसीए की ओर से 8 सितम्बर को मुख्य सचिव को पत्र लिख कर भेंट के लिये समय मांगा था, परन्तु उनकी ओर से कोई उत्तर न मिलने पर आज माननीय उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है।
राज्य सरकार द्वारा पं. दीन दयाल उपाध्याय की जयन्ती मनाने की आड़ में ईद की छुट्टी रद्द किये जाने को सरकार का संविधान विरोधी क़दम बताते हुए उन्होंने कहा कि देश में और प्रदेश में जब से भाजपा सरकार आई है, वह संघ के साम्प्रदायिक एजेंडे को लागू करने में लगी है और ऐसे मुद्दे पैदा कर रही है जिन से अल्प संख्यकों में असंतोष की भावना पैदा हो और उन्हें विरोध पर मजबूर होना पड़े।
श्री सवाई सिंह ने कहा कि ईदुल अज़हा मुस्लिम भाईयों का बड़ा त्योहार है और उन्हें इसे अपने परिवार के साथ मनाने का पूरा अधिकार है, यही नहीं राजपत्रित अवकाश सभी नागरिकों का समान रूप से अधिकार है जिसका हनन करने का अधिकार सरकार को भी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के क़दम न केवल नागरिकों में आपसी वैमनस्य पैदा करेंगे अपितु यह देश के धर्मनिरपेक्ष ढाँचे के लिये भी घातक हैं।


