उप्र पुलिस से बहुत अच्छी है महाराष्ट्र पुलिस !
उप्र पुलिस से बहुत अच्छी है महाराष्ट्र पुलिस !
रणधीर सिंह सुमन
बाराबंकी। प्राप्त सूचना के अनुसार बाराबंकी से लगभग तीन माह पूर्व पूर्णमासी उसके तीन नाबालिक बच्चे कोमल, धानु व विष्णु तथा उसकी पत्नी गीता देवी व पूर्णमासी के साले विनोद को कुन्ना पुत्र बिहारी ग्राम नथनापुर व सजीवन पुत्र दयाराम निवासी मरौचा का पुरवा थाना रामनगर जिला बाराबंकी ने बाल कृष्ण पेपर मिल्स जिला पुणे महाराष्ट्र में बेच आया था। जिस पर पूर्णमासी का भाई बजरंग व पूर्णमासी की माँ बृजरानी निवासी केवलापुर थाना सफदरगंज जिला बाराबंकी ने यहाँ के पुलिस अधीक्षक तथा जिला अधिकारी को कई प्रार्थनापत्र दिये किन्तु कोई कार्यवाई नहीं हो पा रही थी।
अखबार वालों ने पीड़ित पक्ष की मदद करने के लिये कई बार समाचार प्रकाशित किये लेकिन सजग बाराबंकी पुलिस के कान पर जूँ तक न रेंगी। बीती 16 नवंबर 2013 को पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता बलराम सिंह ने इस संवाददाता से केस में मदद करने के लिये कहा और आज सुबह वह मेरे घर आये। जिस पर मैंने पुणे पुलिस को
शिकायत करायी। उस शिकायत पर वहाँ की पुलिस ने दोपहर लगभग एक बजे के आसपास उस परिवार को बरामद कर लिया और उसकी सूचना भी इस संवाददाता को समय-समय पर देते रहे। जिससे यह सोचने के लिए मजबूर होना पड़ा कि जहाँ हम रहते हैं, वहाँ की पुलिस छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर कहती है कि कप्तान साहब से बात करो और कोई प्रयास नहीं करती है। मैंने एक साधारण नागरिक की तरह इस केस को साधारण प्रयास करके उस गरीब मजदूर परिवार ( अनुसूचित जाति ) का पता लगाने का प्रयास किया और सफलता मिली।
पुणे पुलिस को सलाम।


