लखनऊ, 26 जनवरी। पूर्वांचल के बाहुबली राजनेता मुख्तार अंसारी आज बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल हो गए।

मुख्तार के साथ उनके पुत्र और भाई भी बसपा में शामिल हुए।

मुख्तार अंसारी के बसपा में शामिल होने की घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने की।

मायावती ने अंसारी के आपराधिक छवि को दरकिनार करते हुए कहा कि 'दूसरी पार्टियों में बड़े गुंडे मौजूद हैं।'

सुश्री मायावती ने कहा कि मुख्तार अंसारी पर लगे आरोप अभी तक साबित नहीं कर पाए, इस बात को ध्यान में रखकर आज पार्टी में वापिस लिया गया।

मुख्तार अंसारी पूर्वी उत्तर प्रदेश की मऊ सीट से चुनाव लड़ेंगे। मुख्तार के पुत्र अब्बास घोसी से और भाई सिग्बातुल्लाह मोहम्मदाबाद से बसपा के उम्मीदवार के होंगे।

अंसारी के कौमी एकता दल के विलय से बीते वर्ष सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) में विवाद शुरू हो गया था। पार्टी के अपदस्थ अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने अंसारी की पार्टी के सपा में विलय की सहमति दी थी, जबकि मुलायम के बेटे और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अंसारी का कड़ा विरोध किया था।

अंसारी की प्रदेश के पूर्वी हिस्से में मजबूत राजनीतिक पकड़ है और वह एक दर्जन से ज्यादा विधानसभा सीटों पर प्रभाव रखते हैं।

मुख्तार का परिवार पूर्वांचल का प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार है।

समझा जाता है कि मायावती ने यह कदम सपा के कांग्रेस से गठबंधन के बाद उठाया है।

मायावती ने अपने अल्पसंख्यक वोटरों को लुभाने की नीति के तहत अंसारी को पार्टी में शामिल किया है। जाहिर है मायावतीके इस कदम से सपा-कांग्रेस गठबंधन को तगड़ा नुकसान होने जा रहा है।

मायावती के इस कदम को मुस्लिम वोटों के कांग्रेस-सपा गठबंधन के साथ जाने को रोकने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव सात चरणों में 4 फरवरी से 8 मार्च तक होने हैं। परिणाम 11 मार्च को घोषित होंगे।