एक राष्ट्र एक चुनाव : भाकपा ने कहा परिकल्पना संविधान की मूल भावना के खिलाफ
एक राष्ट्र एक चुनाव : भाकपा ने कहा परिकल्पना संविधान की मूल भावना के खिलाफ
एक राष्ट्र एक चुनाव : भाकपा ने कहा परिकल्पना संविधान की मूल भावना के खिलाफ
नई दिल्ली, 7 जुलाई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर विधि आयोग की तरफ से शानिवार को आयोजित परामर्श बैठक पर सवाल उठाया और कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए संसद उपयुक्त मंच है।
भाकपा सचिव अतुल कुमार अंजान ने यहां बैठक में हिस्सा लेने के बाद संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक साथ चुनाव कराने की परिकल्पना संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
संसद में हो चर्चा
अंजान ने कहा,
"संसद इस मुद्दे पर चर्चा के लिए उपयुक्त मंच है। संविधान में किसी तरह के परिवर्तन के लिए संसद में चर्चा होनी चाहिए।"
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विधि आयोग को एक राष्ट्र एक चुनाव कराने की परिकल्पना पर परामर्श करने का अधिकार नहीं है।
विधि आयोग केवल कानून में बदलाव के लिए सुझाव दे सकता है
उन्होंने कहा कि विधि आयोग कानून मंत्रालय को कानून में बदलाव के लिए सुझाव दे सकता है, लेकिन संसद से बाहर किसी भी अथॉरिटी को यह अधिकार नहीं है कि वह संविधान की समीक्षा करे।
एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर दो दिवसीय बैठक यहां आयोजित हो रही है, जिसमें क्षेत्रीय पार्टियां समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, बीजू जनता दल, द्रमुक, अन्ना द्रमुक, लोकदल, शिरोमणि अकाली दल हिस्सा ले रही हैं।
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