रणधीर सिंह सुमन
बाराबंकी। सूबे में पुलिस मशीनरी में बड़ी उलटफेर का भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर कोई असर नहीं पड़ रहा है, पुलिस का आतंकराज पहले जैसा ही कायम है। बाराबंकी पुलिस की विवादित कार्यशैली ने एक बार फिर नए विवाद को जन्म दे दिया है। इस बार मामला पुलिस कस्टडी में एक व्यक्ति की मौत का है। जनपद के सतरिख थाने में हत्या के एक मामले में पूछ ताछ के लिए लाये गए व्यक्ति की मौत हो गयी जिसके बाद बौखलाई पुलिस ने बिना परिजनों को सूचना दिए ही मृतक के शव को मर्चरी पंहुचा दिया। मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस कि प्रताड़ना और मारपीट के चलते युवक कि मौत हुई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बाराबंकी के सतरिख थाने के गेहदावर गांव में रहने वाले राम सुरेश और उसकी पत्नी कौशल्या को उसी के गावं में तेईस मई को हुई एक हत्या के सम्बन्ध में पूछ ताछ के लिए आज सुबह थाने लाया गया था। राम सुरेश कि पत्नी कौशल्या का कहना है कि पुलिस ने उसे बाहर बैठा दिया और राम सुरेश को अंदर ले जाया गया। कुछ देर बाद हालत बिगड़ने की बात कह कर पुलिस राम सुरेश को गाड़ी में लादकर कहीं ले गयी और कौशल्या को घर जाने को कह दिया गया। कौशल्या का आरोप है कि पुलिस पिटाई के चलते उसके पति कि मौत हुई है।

वहीं ग्रामीणों की मानें तो पूछ ताछ के नाम पर पुलिस ने गांव के कई लोगो को थाने बुलाया और बाद में उनसे पैसा वसूल कर उन्हें छोड़ दिया गया। राम सुरेश को भी कई बार थाने बुलाकर पूछ ताछ करी जा चुकी थी लेकिन आर्थिक रूप से कमज़ोर राम सुरेश पुलिस को चढ़ावा नहीं चढ़ा सका जिसके चलते पुलिस उसे बराबर प्रताड़ित कर रही थी।