कथित ग्रामीण-पुलिस टकराव की न्यायिक जांच हो : माकपा
कथित ग्रामीण-पुलिस टकराव की न्यायिक जांच हो : माकपा
रायपुर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बलरामपुर जिले के मनोहरपुर गांव में पुलिस द्वारा ग्रामीणों के साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट करने, गांव के अधिकांश लोगों को गिरफ्तार करने, पुलिस थाने में मारपीट करने तथा फर्जी मुक़दमे गढ़ने की तीखी निंदा की है तथा इस घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की है.
आज यहां जारी एक बयान में माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा कि एक छोटी-सी छेड़छाड़ की घटना का ग्रामीणों तथा पुलिस के बीच टकराव में बदल जाना पुलिस के प्रति ग्रामीणों में बढ़ते अविश्वास का ही प्रतीक है. घटना के बाद पुलिस की कार्यवाही बताती है कि छेड़छाड़ करने वालों पर कार्यवाही के बजाये पुलिस की दिलचस्पी ग्रामीणों के विरोध को कुचलने में ही ज्यादा थी.यह शांति-व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस प्रशासन की विफलता को ही दर्शाता है. इस घटना के बाद पुलिस की विफलता को ही छुपाने के लिए ग्रामीणों पर लूट और बलवे के फर्जी प्रकरण तैयार किये गए हैं.
माकपा ने निर्दोष ग्रामीणों को तुरंत रिहा करने की मांग करते हुए समूचे घटनाक्रम की न्यायिक जांच किये जाने की मांग की है.


