नई दिल्ली, 23मार्च। शहीदे-आजम भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरू के 84वें शहादत दिवस के अवसर पर नौजवान भारत सभा के द्वारा रविवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के खजूरी इलाके में सुबह ‘‘शहीद संकल्प यात्रा’’ व शाम के समय करावल नगर में ‘सांस्कृतिक कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया। ‘‘यात्रा’’ के दौरान जगह-जगह नुक्कड़-चैराहों पर जनसभा करते हुए व्यापक पर्चा वितरण किया गया और क्रान्तिकारी गीतों की प्रस्तुति की गई। मौजूदा व्यवस्था की समस्याओं को उजागर करते नारे भी बुलन्द किये गये, जिसमें मुख्य रहे ‘‘भगतसिंह ने दी आवाज, बदलो-बदलो देष-समाज’’, ‘‘जाति-धर्म के झगड़े छोड़ो, सही लड़ाई से नाता जोड़ो’’, ‘‘भगतसिंह का ख़्वाब- इलेक्शन नहीं इंक़लाब’’।
नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए ‘नौभास’ की वारूणी ने कहा कि हमारे लिए भगतसिंह को याद करना महज रस्म-अदायगी नहीं, बल्कि शहीदों के अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प है। भगतसिंह ने खुद कहा था कि हमारी लड़ाई महज गोरी लूट के खि़लाफ़ नहीं बल्कि हर प्रकार को शोषण के विरूद्ध है। आज आजादी के 66वर्ष बाद भी यदि लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं है तब ऐसी आजादी पर प्रश्न चिन्ह लगना लाजिमी है।
दिशा छात्र संगठन के सनी ने कहा कि अब तक हम 15 लोकसभा और कई विधानसभा चुनावों में सभी चुनावी पार्टियों को अजमा चुके हैं। हर पांच साल में होने वाले चुनाव में साँपनाथ या नागनाथ में से ही किसी को चुनना होता हैं। इन पूँजीवादी चुनावों में जीते कोई भी, हारती जनता ही है। झण्डे, नारे, चहेरे के सिवा सबकी नीति एक है-जनता को लूटो और पूँजीपतियों पर लूटाओं। असल में सभी चुनी हुई सरकारें पूँजीपतियों की मैनेजिंग कमेटी का ही काम करती हैं। इसलिए आज चुनावों में भागीदारी भर से आम मेहनतकश की जिंदगी नहीं बदलने वाली है, बल्कि नये इंकलाब की तैयारी में लगना ही होगा।
शाम को करावल नगर स्थित शहीद भगतसिंह पुस्तकालय पर आयोजित ‘सांस्कृतिक कार्यक्रम’ की शुरुआत नौभास के सदस्यों द्वारा-‘मेरा रंग दे बंसती चोला’ गीत की प्रस्तुति से की गयी। नौभास के सदस्य नितिन ने शहीद भगतसिंह के जीवन का परिचय रखते हुए कहा कि भगतसिंह की वीरता और कुर्बानी से तो पूरा देश परिचित है, लेकिन इस देश के पढ़े-लिखे नौजवान तक यह नहीं जानते कि भगतसिंह एक दूरदर्शी विचारक भी थे। यह हमारी जनता का दुर्भाग्य है और सत्ताधारियों की साजिश का ही नतीजा है। अब यह हमारा काम है कि हम भगतसिंह और उनके साथियों के विचारों को जन-जन तक पहुँचाएँ, उनकी स्मृति से प्ररेणा लें और उनके विचारों के आलोक में अपने देशकाल की परिस्थितियों को समझकर नई क्रान्ति की दिशा तय करें। कार्यक्रम में बच्चों द्वारा – सृष्टि बीज का नाश न हो’ गीत और नौभास व दिशा के सदस्यों द्वारा क्रान्तिकारी गीतों और कविताओं की प्रस्तुति की गई।
नौभास के शमीम ने कहा कि आज के दिन क्रान्तिकारी कवि अवतार सिंह पाश का शहादत दिवस भी है जिनको 1988 में खालिस्तानी आतंकवादियों ने गोली मार दी थी। कार्यक्रम के अन्त में उपस्थित लोगों ने महान शहीदों के अधूरे सपनों को पूरा करने की शपथ ली और साथ ही भगतसिंह पर बनी एक डाक्यूमेंटरी फिल्म दिखाई गई। कार्यक्रम का संचालन नौभास के अनन्त द्वारा किया गया।