नई दिल्ली, 05 अक्तूबर। भाकपा (माले) नेत्री और कविता कृष्णन और अक्षयपात्र के सहसंस्थापक मोहन दास पई जिन्हें (कविता ने मोदी ट्रोल की संज्ञा से नवाजा है) ट्विटर पर अमेरिकी सीनेटर तुलसी गैबर्ड के गुजरात 2002 के दंगों पर दिए एक वक्तव्य को लेकर भिड़ गए।

कविता ने ट्विटर पर लिखा,

“तुलसीगैबर्ड 2002 के गुजरात कार्यक्रम को तर्कसंगत बनाने के लिए मोदी की कथा न्यूटन की क्रिया की प्रतिक्रिया होती है थ्योरी को दोहराते हुए कहा कि गोधरा में मुसलमानों द्वारा "दंगों" को "उकसाया" गया था। एक झूठ। मोदी सरकार और पुलिस ने पोग्रोम को व्यवस्थित करने के लिए दूर-दराज़ समूहों को इसके लिए इकट्ठा किया।“

तो मोहन दास ने उत्तर दिया,

“एक झूठ! आप झूठ बोल रही हैं जैसा कि आप आमतौर पर करती हैं! चौंकाने वाला है कि आप लगातार झूठ बोलती हैं, पीड़ित कथाओं को फैलाती हैं, षड्यंत्र के सिद्धांतों में विश्वास करती हैं, जिहादी आतंकवादियों का समर्थन करती हैं: आप कानून के नियम में विश्वास नहीं करती हैं और विश्वास करती हैं कि आप में एक जज, जूरी, अभियोजन पक्ष सभी हैं: कमाल है माओवादी समर्थक।“

इस पर कविता ने पलटकर वार किया

“कट्टर मोदी ट्रोल मोहनदास पई

बचाव के लिए छलांग

तुलसीगैबर्ड

बदले में, जिसने मोदी का बचाव किया। क्या पई या गैबर्ड इंदिरा जी के अंगरक्षकों जिन्होंने उसे मारा, को कहेंगे कि उन्होंने सिख विरोधी पोग्रोम "उकसाया"? यदि नहीं, तो क्यों गोधरा ने 2002 के दंगों को उकसाया क्यों कहते हैं ?”

कविता के वार से मोहनदास पई बुरी तरह तिलमिला गए और बोले,

“माओवादी आतंकवादी समर्थक कविता कृष्णन जिहादी हत्यारों का समर्थन करती हैं, जिन्होंने गोधरा में हिंदुओं को जिंदा जलाया था! सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एसआईटी ने माओवादी समर्थक कविता कृष्णन के झूठ का पर्दाफाश किया, जो नफरत फैलाने, झूठ बोलने, पीड़ित हुड कथाओं को फैलाने में माहिर है!”