सुमैया कुरैशी
#‎कश्मीर
‪#‎बुरहान वानी नाम है उसका जिसे भारतीय सेना ने मारा है, चारों तरफ इंडिया में जस्न है, मीडिया में नई नई सुर्खियाँ बनाई जा रही हैं

सब बुरहान वानी के जनाजे में शामिल हुए लोगों को गालियाँ दे रहे हैं और खुद को देशभक्त साबित करने का मौका भी अच्छा है
कभी किसी ने ये जानने की कोशिश???
क्यों बुरहान वानी ने हँसती मुस्कुराती जिंदगी छोड़कर कर, हथियार उठाया, क्यों उसके दिल से मौत का डर चला गया???
क्यों उसके दिल में आर्मी के लिए नफरत और सरकारों के लिए बारूद भर गया??
कुछ 6-7- पहले की बात है बुरहान वानी का बड़ा भाई सेना की गोली का शिकार हो गया, चेक पोंइंट पर

क्यों हुआ ये, किसी को कुछ खबर नहीं मिली, ना सरकार ने जानने की कोशिश की, कश्मीर में सेना को ना order चाहिए, ना वजह चाहिए
बस मारने के लिए कश्मीरी चाहिए, काफी है, किसी को भी आतंकी बताकर मार देना आम बात है
शायद, इसी जुल्म को बुराहन वानी बर्दाश्त नहीं कर सका और हिजबुल का कमांडो बन गया, ईद पर वो किसी से मिलने आया था
और आर्मी ने encounter कर दिया
हालाँकि वो खाली हाथ ही था, कोई हथियार बुरहान वानी के पास से बरामद नहीं हुए, और आर्मी को पता था कि, ऐसा करने से घाटी जल उठेगी, encounter एक वाहिद रास्ता नहीं था, और भी कुछ हो सकता था
मगर आर्मी को कश्मीरियों को मारने में शायद बहुत सुकून मिलता है
उनके हाथों में पत्थर के टुकड़े होते हैं और आर्मी के हाथों में , Ak47
अभी तक 22 civilians मारे जा चुके हैं

पुरा साउथ कश्मीर सुलग रहा है, internet बंद कर दिया गया है
जो घरो में हैं, वो बाहर गए अपने बच्चों का इंतजार कर रहे हैं शायद जिंदा वापस आ जायें आर्मी की गोली से बचकर,जो बाहर हैं उन्हें जिन्दगी से प्यार नहीं
क्योंकि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, पता नहीं आर्मी ने कितने बेगुनाह लोगों का खून पिया है, और औरतों की इज्जत को रूशवा किया है
जब जुल्म हद पार कर जाता है, तब जीने मरने का खौफ मर जाता है

कश्मीर को जहन्नम बनाने मे आर्मी और सरकारों का हाथ है, ये आग लगाई किसने और जल हम रहे हैं
कभी फुर्सत मिले तो सोचना, क्यों कश्मीर के नौजवान उस रास्ते पर जाते हैं, जहाँ आखिर में मौत मिलती है
क्यों वो अपने जह्न मैं आर्मी के लिए नफरत पाल रखे हैं
आखिर कोई तो वजह होगी इस सब की, कोई यूँ ही कैसे अपने माँ बाप घर को छोड़कर विरानियों में बशर करता है
उसके बाद किसी कश्मीरी आतंकी के मरने पर जस्न मनाना, आर्मी की पीट थप थापाना, और पूरी फैमली के साथ बैठक न्यूज चैनलों पर हमारी मौत का तमाशा देखना !!
जरा कश्मीरी बन के देखिये दिलो से डर न निकल जाए तो कहना
सुमैया कुरैशी की पेसबुक टाइमलाइन से साभार