कांग्रेस ,किसान और राहुल का नाटक
कांग्रेस ,किसान और राहुल का नाटक
अंबरीश कुमार
अलीगढ मुस्लिम विश्विद्यालय के अतिथिगृह में कल रात जब पहुंचा तो जमकर बरसात हो रही थी। मुस्लिम समाज के उत्थान में इस विश्विद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है ।वर्ष १८७५ में मोहमडन एंग्लो ओरियंटल कालेज की स्थापना को आधुनिक भारत की महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जाता है जो आज अलीगढ विश्विद्यालय के रूप में जाना जाता है ।लोगों ने बताया कि यह पहला विश्विद्यालय है जिससे हाई स्कूल भी जुड़ा हुआ है। इतिहास काफी रोचक और लंबा है ।राहुल गांधी इसी इलाके में पदयात्रा कर आज पंचायत करने जा रहे है ।
ताड़ के पेड़ों से घिरे इस गेस्ट हाउस के कमरा नंबर दस में रुका हूँ जिसकी बालकनी के सामने ही ताड़ के पेड़ों का झुरमुठ है ।रात में बरसात की वजह से वह हरियाली नहीं दिखी जो सुबह से दिख रही है । विश्विद्यालय के बड़े परिसर में रात को इस गेस्ट हाउस को ढूढने में भी काफी मस्स्कत करनी पड़ी और कई बार गाड़ी से बाहर आने पर भीगना पड़ा ।राहुल गाँधी ने जब से राजनीती में कदम रखा है तबसे उन्हें कवर कर रहा हूँ ।अमेठी में लम्बी बात भी हो चुकी है ।इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनके दौरे को देखने की उत्सुकता इसलिए भी हुई क्योकि वे आम नेताओं से अलग हटकर लम्बी पदयात्रा कर रहे थे ।रात ही कुछ कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि वे इस तरह की कई यात्राए चुनाव तक करेंगे और माहौल कांग्रेस के पक्ष में बनेगा ।यह दावा कांग्रेस का है । हम लोग फिलहाल यह मानकर चल रहे है कि उत्तर प्रदेश में मुख्य लड़ाई समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच होगी और बसपा को इस बार बड़ा नुक्सान उठाना पड़ेगा ।पर राजनीति में कोई भविष्यवाणी नही की जा सकती ।राहुल गांधी अगर इसी अंदाज में गाँव गाँव चलते रहे तो कुछ बदलाव भी हो सकता है ।रात में कार्यक्रम बना कि उस गाँव में चला जाये जहाँ राहुल गाँधी रात बिताने वाले है पर तभी बताया गया कि वे दिल्ली लौट गए और सुबह फिर अलीगढ आएंगे।
वे यहाँ किसान पंचायत करेंगे ।कितना अजीब लगता है जब कोई कांग्रेसी नेता किसान की बात करता है ।आजादी से पहले नेहरू गाँधी किसानो का सवाल जिस तरह उठाते थे आजादी के बाद किसी कांग्रेसी नेता ने नहीं उठाया ।बाद में किसान का सवाल तीसरी और वाम ताकतों के हवाले हो गया ।इस मायने में नाटक ही सही राहुल गाँधी की पहल महत्वपूर्ण है ।अगर इस तरह का नाटक मुलायम ,मायावती ,गडकरी ,राजनाथ ,करात ,लालू और पासवान भी करने लगे तो किसान का सवाल तो उठेगा । फिलहाल अब नाटक देखने की तैयारी कर रहा हूँ ।


