कानून जनता के लिये है, जनता कानून के लिये नहीं! - वाई.एस. लोहित
कानून जनता के लिये है, जनता कानून के लिये नहीं! - वाई.एस. लोहित
कानून जनता के लिये है, जनता कानून के लिये नहीं! - वाई.एस. लोहित
जनता की कठिनाईयों को दूर करना ही कानून का मकसद- वाई.एस. लोहित
बाराबंकी। इण्डियन एसोसिएशन आफ लायर्स के राष्ट्रीय महासचिव वाई.एस. लोहित ने कहा है कि जनता ही इस देश की मालिक है। जनता की कठिनाईयों को दूर करना ही कानून का मकसद है, क्योंकि कानून जनता के लिये है, जनता कानून के लिये नहीं!
श्री लोहित आज यहां इण्ड़ियन एसोसिएशन आफ लायर्स के तत्वाधान में आयोजित कानून जनता की कठिनाईयों और निदान विषय पर विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
कार्यक्रम शांति पैलेस निकट बाबा बारात घर बड़ेल चौराहा में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुये मुख्य अतिथि श्री लोहित ने कहा कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना में ही सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय को लक्ष्य घोषित किया गया है। जबकि इस देश की आजादी के पहले ब्रिटिश राज में न्याय दिलाना उद्देश्य नहीं था, बल्कि यह कहा जाता था कि यह जरूरी नहीं कि न्याय हो किन्तु न्याय की प्रक्रिया ही चलनी चाहिये।
महामंत्री सुरेश चन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि देश में कानून का प्रथम स्रोत संविधान है। जो कानून संविधान संपन्न नहीं या जनहित में नहीं है उन्हें समाप्त किया जाना चाहिये। जनता अपने संघर्षों के बल पर जनहित के कानून बनवा सकती है।
उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक परमात्मा सिंह ने कहा कि यदि संसद, विधानसभा देशहित या जनहित में कानून बनाने में और लागू करने में असफल रही तो जनता कानून बनवा लेगी। और कानून देश और जनता के लिये है।
इसके अतिरिक्त वरिष्ठ अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन, जिला बार पूर्व अध्यक्ष गोण्डा रवि प्रकाश त्रिपाठी, जिला टैक्स बार एसोसिएशन अध्यक्ष पवन कुमार वैश्य, बृजमोहन वर्मा, पूर्व महामंत्री नरेन्द्र वर्मा, भारत सिह यादव, संजय गुप्ता आदि ने भी गोष्ठी मे अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता विभव मिश्रा व अध्यक्षता उपेन्द्र सिंह ने की। कार्यक्रम में नीरज वर्मा, पुष्पेन्द्र यादव, राजेन्द्र बहादुर सिंह राणा, तारिख खान, संजय सिंह, मलखान सिंह, प्रदीप सिंह, सरदार भूपिन्दर पाल सिंह, दिनेश वर्मा, कर्मवीर सिंह, प्रेमचन्द्र वर्मा, अभय सिंह, वीरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, विजय प्रताप सिंह, गौरी रस्तोगी, गिरीश चन्द्र, कुश कुमार, अशोक वर्मा, रामकुमार वर्मा, आनन्द सिंह, बालकृष्ण वर्मा, निर्मल वर्मा, रोशन वर्मा, हरि सिंह आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।


