काले धन पर खाली दिखावा, बैंकों का 11 लाख करोड़ रुपया नहीं लौटा रहे उनके नाम बताए सरकार : माकपा

भोपाल। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि सरकार की इस कवायद से काला धन बाहर नहीं आएगा। यह राजनीतिक मुंहबनाव और दिखावा ज्यादा है।

पार्टी के राज्य सचिव बादल सरोज ने कहा कि कालाधन तो विदेशी मुद्रा में है। इन नोटों के बन्द होने से उसका क्या बिगड़ेगा। रहे नकली नोट तो अब तो खुद सरकार 2000 और 500 के नोट ला रही है। नकल से वे बचेंगे क्या ?
उन्होंने कहा कि दुनिया जानती है कि दुनिया भर में आतंकियों का पैसा इलेक्ट्रॉनिक ट्रान्सफर से आता है, नोटों में नहीं।
कामरेड सरोज ने कहा कि नोट बदलने के लिए दिए समय में बेनामी नोटों को बदलने से रोकने का कोई प्रावधान नहीं किया गया। बड़े, भ्रष्ट, आसानी से बदलवा लेंगे। उन्होंने कहा परेशानी तो आम मजदूरों और नागरिकों की होगी। नोट बदलने में नौकरशाही की हुज्जत से बचाने का कोई प्रबन्ध नहीं किया गया है।

माकपा ने कहा कि कालेधन के नोट, पार्टिसिपेटरी नोट्स (हुंडियां) होती हैं, टैक्स चोरी की जन्नतों की बैंक्स और रियल स्टेट है। उस पर इस कदम का कोई असर नहीं पड़ेगा।

कामरेड सरोज ने कहा बढ़ती मंहगाई, बाजार के ठहराव और मंदी, किसानों मजदूरों की बदहाली सहित हर मोर्चे पर अपनी विफलता को छुपाने का विफल जतन है यह घोषणा।

सीपीआई (एम) ने की मांग है कि काला धन लाना है तो सरकार उनके नाम सार्वजनिक करे जिनके टैक्स जन्नत माने जाने वाले देशों में अकाउंट हैं। उनके नाम बताये जो भारतीय बैंकों का 11 लाख करोड़ रुपया नहीं लौटा रहे। इनके पैसे जब्त करे और कड़ाई से वसूले।