कोइराला ने ब्रिटिश चॉपर्स को उड़ान की अनुमति क्यों नहीं दी?
कोइराला ने ब्रिटिश चॉपर्स को उड़ान की अनुमति क्यों नहीं दी?

कोइराला ने ब्रिटिश चॉपर्स को उड़ान की अनुमति क्यों नहीं दी?
नई दिल्ली। हस्तक्षेप ने आज खबर दी थी कि नेपाल में लापता हुए अमेरिकी हेलीकॉप्टर की दुर्घटना के पीछे कुछ और वजह तो नहीं। उस खबर की पुष्टि नेपाल के प्रमुख समाचारपत्र कांतिपुर पोस्ट की एक खबर से हो गई है।
कांतिपुर की खबर के मुताबिक नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने इंग्लैंड के तीन चिनूक चॉपर्स को अपने देश में उड़ान भरने से अनुमति देने से कर कर दिया है। अब ये चॉपर्स भारत स्थित चंडीगढ़ एयरबेस से वापिस इंगलैंड चले जाएंगे, जहां ये पिछले दो सप्ताह से उड़ान भरने की अनुमति का इंतजार कर रहे थे।
दरअसल चीन, नेपाल में विदेशी वायु सेनाओं की उपस्थिति का विरोध कर रहा है। चीन और नेपाल की लंबी सीमा मिले होने के कारण चीम को इन सेनाओं द्वारा जासूसी का खतरा है। इसीलिए अमेरिकी चॉपर की दुर्घटना भी संदेह के घेरे में मानी जा रही है।
इंग्लैंड ने राहत सामग्री के साथ तीन चॉपर नेपाल में राहत कार्यों के लिए भेजे थे, लेकिन नेपाल ने उन्हें देश में उड़ने की अनुमति यह कहकर देने से इंकार कर दिया कि भारी विमानों की लैंडिंग इमारतों को नुकसान पहुंचा सकती है।
कांतिपुर की खबर के मुताबिक इंग्लैंड के प्रधानमंत्री डेविड कैमरून ने स्वयं नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला को कई बार फोन कॉल करके इन चॉपर को उड़ान भरने की अनुमति देने का अनुरोध किया था।
कांतिपुर ने ब्रिटिश समाचारपत्रों में प्रकाशित खबरों का हवाला देते हुए कहा है कि ब्रिटिश मीडिया के अनुसार भारत और चीन नहीं चाहते कि उनके सहायता कार्यों के मुकाबले इंग्लैंड जैसे अन्य देशों को वरीयता मिले।
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