क्या आपातकाल लग चुका है? मप्र सरकार की आलोचना करने पर पत्रकार के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा
क्या आपातकाल लग चुका है? मप्र सरकार की आलोचना करने पर पत्रकार के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा
Journalist Booked In MP For Facebook Post On Rape
नई दिल्ली। आपातकाल लग चुका है भले ही इसकी कोई आधिकारिक घोषणान की गई हो। इस आशय की बातें सोशल मीडिया पर की जा रही हैं। दरअसल पद्मावती अवार्ड पर टिप्पणी करने के कारण मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार नीमच निवासी जिनेन्द्र सुराणा पर महिलाओं का मान भंग करने का दुष्प्रेणा मानते हुए कोतवाली थाने मे धारा 376/117 292, 505 (2), 67( क) में मुकदमा कायम कर दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एसपी डी कल्याण चक्रवर्ती ने प्रेसवार्ता कर बताया कि 24 नवम्बर को नीमच निवासी जिनेन्द्र सुराना ने फेसबुक पर एक विवादित पोस्ट डाली। पोस्ट में लिखा गया था कि मध्यप्रदेश में रेप करवाओ और पद्मावती अवार्ड पाओ सरकार की नई घोषणा।
एसपी डी कल्याण चक्रवर्ती ने बताया कि सोशल मीडिया फेसबुक पर की गई इस विवादित पोस्ट से महिलाओं का मान भंग करने का दुष्प्रेणा मानते हुए कोतवाली थाने मे धारा 376/117 292, 505 (2), 67( क) के तहत प्रदेश मे सम्भत: पहला प्रकरण दर्ज किया गया है।
फेसबुक पर गिरीश मालवीय ने इस पर टिप्पणी करते हुए लिखा -
"आपातकाल लग चुका है.......बल्कि यह आपातकाल से भी बदतर है यह जंगलराज है........
भरे हुए मन से यह पोस्ट लिख रहा हूँ ,दिमाग मे बहुत से सवाल घूम रहे है कि हम कहाँ आ गए है,........ फ़ेसबुक पर एक पत्रकार मित्र है Jinendra Surana, नीमच में रहते है पत्रकार बिरादरी के बहुत से म्यूच्यूअल फ्रेंड भी है अक्सर पोस्ट पर आते है लिखा हुआ शेयर करते हैं चर्चाए होती रहती है
कल रात अचानक साढ़े आठ बजे उनका फोन आया , मैं फैमिली के साथ ऑन रोड था उनके स्वर मे घबराहट थी बताने लगे कि उन पर पद्मावती से संबंधित फ़ेसबुक पोस्ट लिखने पर खरगोन पुलिस ने रेप यानी बलात्कार की धारा लगा कर मुकदमा दर्ज किया है !
यह सुनकर मैं हतप्रभ रह गया क्या यह सम्भव है, मुझे लगा कि वह कही मजाक तो नही कर रहे ?, जल्दी में उनका फोन कट गया, देर रात घर पर आकर बहुतेरे प्रयास किये फोन लगाने के पर उनका फोन लगा नही, उनकी फेसबुक प्रोफाइल चेक की कुछ पता नही लगा !
जब उनके नाम से गूगल किया तब पता लगा कि वो जो कह रहे है वह सौ फीसदी सच है खरगोन पुलिस के एस पी ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया की सोश्यल मीडिया फेसबुक पर की गई इस विवादित पोस्ट से महिलाओं का मान भंग करने का दुष्प्रेणा मानते हुए कोतवाली थाने मे धारा 376/117 292, 505 (2), 67( क) के तहत प्रदेश मे सम्भत: पहला प्रकरण दर्ज किया गया है
( लिंक कमेंट बॉक्स में है भोपाल समाचार के लिंक में उनकी पोस्ट का फोटो भी है पोस्ट में लिखा गया है कि 'मध्यप्रदेश में रेप करवाओ और पद्मावती अवार्ड पाओ, सरकार की नई घोषणा' ) NDTV ने भी यह खबर रात में ही पब्लिश की है
वह जिस 24 नवम्बर की पोस्ट की बात कर रहे थे मैने भी उस पोस्ट पर कमेंट किया था कि 'यह क्या है' ? जवाब में उन्होंने एक अखबार की खबर का फोटो चस्पा किया था जिसके आधार पर उन्होंने वह बात कही थी जिसे आपत्तिजनक माना जा रहा है,यानी वह बात कहने के लिये उनके पास पूरे प्रूफ मौजूद थे और उसके बाद उन्होंने वह पोस्ट लिखी, ओर उस पोस्ट में कुछ भी आपत्तिजनक मुझे तो नही लगा,
ऐसे ही हम लोग भी रोज किसी वेबसाइट या अखबार की खबर को आधार बना कर रोज पोस्ट करते हैं, पर सिर्फ एक राजनीतिक पोस्ट लिखने पर मुकदमा कायम कर लेना , गिरफ्तार करने के लिए पुलिस भेज देना, ओर वो भी बलात्कार की धारा लगा कर ? यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए सबसे अधिक कठिन दौर हैं
इंदिरा की इमरजेंसी में भी सरकार के खिलाफ लिखने पर रोक थी पर सरकार की तंजपूर्वक आलोचना करने पर पत्रकार के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज हो जाए यह सिर्फ जंगलराज में संभव है
गिरीश मालवीय"
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