शिवराज सिंह चौहान, रमाशंकर यादव की शहादत के पीछे अपने शासन के निकम्मेपन को छिपाना चाहते हैं। आठ क़ैदी अपने सेल की डुप्लीकेट चाभी टूथ ब्रश से बना लेते हैं, चादर काट कर 35 फ़ुट लम्बी सीढ़ी बना लेते हैं, एक प्रहरी की हत्या कर दूसरे के हाथ-पैर बाँध कर छोड़ जाते हैं और 20 फ़ुट दीवार फाँद कर भाग जाते हैं।

क्या मप्र शासन टूथ ब्रश से डुप्लीकेट चाभी बना कर जेल का ताला खोल कर दिखा सकता है?

क्या यह जेल प्रशासन की घोर विफलता नहीं है ?

भोपाल की हाई सिक्योरिटी जेल जिसे आईएसओ सर्टिफ़िकेट मिला हुआ है, उसमें 70 नये प्रहरी ट्रेनिंग ले रहे हैं और उसके बाद भी 60 पद ख़ाली हैं। 2014 से जेल प्रशासन, मप्र शासन को आगाह कर रहा है कि स्टाफ़ की कमी के कारण कभी भी क़ैदी भाग सकते हैं, लेकिन मप्र शासन सोता रहा। उसकी जवाबदारी किसकी है ? क्या इसके लिये केवल छोटे जेल के अधिकारी ही ज़िम्मेदार हैं ? क्या इसमें मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों की ज़िम्मेदारी नहीं है ?

रमाशंकर यादव की निर्मम हत्या से उनके परिवार को हुई क्षति हुई है, उनसे हमें पूरी सहानुभूति है।

यदि जेल विभाग द्वारा समय समय पर मप्र शासन को भेजे गये पत्रों पर कार्यवाही की गयी होती तो ना क़ैदी भागते, ना ही रमाशंकर यादव की हत्या होती।

मैं समझता हूँ कि इस निर्मम हत्या के लिए भी मप्र शासन की अक्षमता ज़िम्मेदार है।

रमाशंकर यादव की पुत्री ने बताया है कि उनके पिता हार्ट के मरीज़ थे, डॉक्टरों ने उन्हें रात में ड्यूटी न करने की सलाह दी थी, फिर भी स्टाफ़ की कमी के कारण ड्यूटी लगाई गयी। इसकी ज़िम्मेदारी किसकी है ?

शिवराज जी ओछी राजनीति आप कर रहे हैं।

अपने शासन की अक्षमता छुपाने की बजाय गलती स्वीकार कीजिए और एनकाउंटर की जाँच एनआईए को सौंपिए। स्वयं माँग कीजिए कि संपूर्ण जाँच उच्च न्यायालय की बेंच की निगरानी में हो।

साथ में उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से मप्र के जेलों की कार्यप्रणाली की न्यायिक जाँच भी होनी चाहिए।

आप मप्र पुलिस के द्वारा किए गए एनकाउंटर की जाँच ख़ुद मप्र पुलिस से ही कराना चाहते हैं ..इससे तो बेहतर है आप जाँच ही ना कराएं।

श्रीमान मुख्यमंत्री जी, मप्र में साम्प्रदायिक कटुता बढ़ती जा रही है और भाजपा/संघ के नेताओं के दबाव में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश में भाई चारा बनाये रखने की जवाबदारी आपकी है। बक़ौल अटल जी आप तो "राज धर्म निभाइए"।

क्या भाजपा के नारे "सबका साथ सबका विकास" में मुसलमान और ईसाई शामिल हैं ? लगता तो नहीं है।

दिग्विजय सिंह

(काँग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की यह टिप्पणी उनके फेसबुक पेज से साभार ली गई है।)

दिग्विजय का मोदी पर प्रहार- मोदी जी का महात्मा गॉंधी प्रेम तो केवल मुखौटा है |

Are Muslims and Christians included in BJP's "Sabka Saath Sabka Vikas"?