“पीएम विश्वकर्मा योजना”:आरएसएस भाजपा के कैडरों को धन मुहैया कराने की योजना?

पीएम विश्वकर्मा योजना कामगारों के साथ छलावा

रोजगार का इंतजाम करे सरकार, ब्याज मुक्त ऋण दिया जाए

लखनऊ, 17 अगस्त 2023, केंद्र सरकार द्वारा भारतीय परंपरागत कारीगरों के परिवारों की मदद के नाम पर शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना को यूपी वर्कर्स फ्रंट ने कामगारों के साथ छलावा बताया है।

पहले फेल हो चुकी है कौशल विकास योजना

यूपी वर्कर्स फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर ने एक विज्ञप्ति में कहा कि इसके पहले भी केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई इसी तरह की कौशल विकास योजना पूरी तौर पर फेल हो चुकी है और इसके नाम पर करोड़ों रुपए के लूट हुई है। पीएम विश्वकर्मा योजना में भी दरअसल कारीगरों को एक लाख रुपए 5% ब्याज दर पर दिया जाएगा। यह कोई नई योजना नहीं है इसके पहले भी खादी ग्रामोद्योग जैसे विभागों के जरिए ऐसी योजनाएं चलती रही है।

उन्होंने कहा कि दरअसल इस समय संकट सबसे ज्यादा रोजगार का है। जो परंपरागत उद्योग हैं वह नोटबंदी, जीएसटी और लॉकडाउन के कारण बेहद बुरी हालत में है। बुनकारी से लेकर कार्पेंट्री और अन्य लघु कुटीर उद्योगों में काम करने वाले लोगों का जीवन संकट में है। ऐसे में एक लाख का कर्ज ऊंट के मुंह में जीरा है।

पीएम विश्वकर्मा योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए दिनकर कपूर ने कहा कि यदि सरकार लघु और कुटीर उद्योग में काम करने वाले कारीगरों के प्रति ईमानदार है तो उसे ब्याज मुक्त ऋण, कर्ज़ की धनराशि कम से कम 10 लाख रुपए, उत्पादन की बिक्री के लिए बाजार की व्यवस्था और सहकारीकरण के लिए मदद की घोषणा करनी चाहिए। साथ ही ई-श्रम पोर्टल पर भी घरेलू उद्योग में काम करने वाले कारीगर और कामगार शामिल है, सरकार को उन्हें लाभार्थी घोषित कर उनके लिए आयुष्मान कार्ड, पेंशन, आवास, बीमा की योजनाएं लागू करनी चाहिए।

आरएसएस भाजपा के कैडरों को “पीएम विश्वकर्मा योजना” से धन मुहैया कराया जाएगा

दिनकर कपूर ने कहा कि वास्तव में अपनी गिरती साख से परेशान मोदी सरकार ने अति पिछड़ी जातियों को लुभाने के लिए इस योजना की घोषणा की है और इसके जरिए सरकार आरएसएस भाजपा के कैडरों को धन मुहैया कराने का प्रोग्राम चलायेगी। इसमें 30 लाख की जो संख्या भी निर्धारित की गई है वह भी देश में बेरोजगारों की संख्या के लिहाज से बेहद कम है और धन का आवंटन भी बहुत कम किया गया है। इस "पीएम विश्वकर्मा" योजना की सच्चाई से आम आदमी को अवगत कराने के लिए वर्कर्स फ्रंट अभियान चलाएगा।

क्या है "पीएम विश्वकर्मा" योजना जिस पर आग बबूला है वर्कर्स फ्रंट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने कल 16 अगस्त 2023 को पांच साल की अवधि (वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28) के लिए 13,000 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ एक केंद्रीय क्षेत्र की नई योजना "पीएम विश्वकर्मा" को मंजूरी दी। इस योजना का उद्देश्य गुरु-शिष्य परंपरा या अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों व शिल्पकारों द्वारा पारंपरिक कौशल के परिवार-आधारित पेशे को मजबूत करना और बढ़ावा देना बताया गया है।

एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक इस योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों व सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार करने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करना है कि विश्वकर्मा घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ जुड़ सकें।

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और पहचानपत्र के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी, 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ 1 लाख रुपये (पहली किश्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत बाद में कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन, डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता प्रदान की जाएगी।

सरकारी विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि यह योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों व शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी। पीएम विश्वकर्मा के तहत पहले चरण में अठारह पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया जाएगा। इन व्यवसायों में (i) बढ़ई (सुथार); (ii) नाव निर्माता; (iii) अस्त्र बनाने वाला; (iv) लोहार (v) हथौड़ा और टूल किट निर्माता; (vi) ताला बनाने वाला; (vii) गोल्डस्मिथ (सुनार); (viii) कुम्हार; (ix) मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला, पत्थर तोड़ने वाला); (x) मोची (चर्मकार)/जूता कारीगर; (xi) मेसन (राजमिस्त्री); (xii) टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/जूट बुनकर; (xiii) गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक); (xiv) नाई; (xv) माला बनाने वाला; (xvi) धोबी; (xvii) दर्जी और (xviii) मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला शामिल हैं।

“PM Vishwakarma Yojana”: A scheme to provide funds to RSS BJP cadres?