उन्नत सपाट, गौर वर्ण, शाही ठाठ-बाट।

भारतीय पौरूष की बेमिसाल धाक था।।

अंग्रेजी शासन उखाड़ फेंकने के लिए,

जिसका इरादा फौलादी नेक पाक था।

फांसी चढ़ने के बाद कफन पे रखवाना,

चाहता जो बस मादरे वतन की खाक था।

क्रांति वीर शाहजहानपुर का पठान वो,

सिंह और शायर सपूत अशफाक था।।

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कोई बीज ऐसा हो देना वतन की अपनी मिट्टी में,

कि जिसमें कोई गांधी, कोई गौतम या कोई नानक निकल आये!

@दिनेश रस्तोगी

दिनेश रस्तोगी (DINESH RASTOGI)
8-बी, अभिरूप,
साउथ सिटी
शाहजहाँपुर-२४२२२६