खालिद हत्याकाण्ड की जाँच पर डीवोपीटी ने क्यों नहीं जारी किया नोटिफिकेशन, स्थिति स्पष्ट करे सरकार- रिहाई मंच
खालिद हत्याकाण्ड की जाँच पर डीवोपीटी ने क्यों नहीं जारी किया नोटिफिकेशन, स्थिति स्पष्ट करे सरकार- रिहाई मंच
20 जून को अनिश्चितकालीन धरने का एक माह पूरा
होने पर शामिल हो न्याय पसन्द अवाम- मो0 शुऐब
दिबियापुर (औरया) में कब्रिस्तान की भूमि पर से भू-माफियाओं का कब्जा हटवाये सरकार- रिहाई मंच
आज क्रमिक उपवास पर युवा पीढ़ी के संपादक योगेन्द्र सिंह यादव बैठे
भारी बारिश के बीच सत्ताइसवें दिन भी विधान सभा लखनऊ पर जारी रहा खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस व आईबी अधिकारियों की गिरफ्तारी के लिये रिहाई मंच का अनिश्चितकालीन धरना
लखनऊ, 17जून। खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस व आईबी अधिकारियों की गिरफ्तारी, आरडी निमेष आयोग की रिपोर्ट पर सरकार द्वारा एक्शन टेकन रिपोर्ट जारी कर दोषी पुलिस व आईबी के अधिकारियों को गिरफ्तार करने और आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को तत्काल रिहा करने की माँग को लेकर रिहाई मंच का अनिश्चितकालीन धरना सत्ताइसवें दिन भी जारी रहा। आज क्रमिक उपवास पर फर्रुखाबाद से आये युवा पीढ़ी के सम्पादक योगेन्द्र सिंह यादव बैठे।
धरने को सम्बोधित करते हुये रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि मई की चिलचिलाती धूप व लू के थपेड़ों के बीच खालिद के न्याय के लिये इस अनिश्चितकालीन धरने की शुरुआत अवाम के सहयोग से हुयी थी। आज मौसम के बदलते करवट के बावजूद धरने के समर्थन में यहाँ अवाम का जो हुजूम इस भारी बारिश के बीच लखनऊ विधानसभा धरना स्थल पर जमा हुआ है वो सपा सरकार को यह चेतावनी दे रहा है कि मरहूम मौलाना खालिद मुजाहिद को अगर अब भी इंसाफ नहीं मिला तो मौसम की तरह 2014 में सपा को सबक सिखा दिया जायेगा।
मोहम्मद शुएब ने कहा कि 20 जून को मरहूम खालिद के न्याय के लिये रिहाई मंच के इस सघर्ष का एक माह हो जायेगा। हम इस संघर्ष में शामिल हुये साथियों और शामिल होने के लिये नए संघर्षशील साथियों से अपील करते हैं कि 20 जून को सभी इस धरने में शामिल हों और अन्याय के खिलाफ न्याय के लिये इस जंग को अन्तिम मुकाम तक पहुँचाने का संकल्प लें।
रिहाई मंच के प्रवक्ता राजीव यादव ने बताया कि आज रिहाई मंच ने औरया जिले के दिबियापुर से आये लोग जिनके कब्रिस्तान को कुछ भूमाफिया और सपा के विधायक के संरक्षण में कब्जा किया जा रहा है के विरोध में विधान सभा पर चल रहे उनके क्रमिक धरने का समर्थन किया।
दिबियापुर जिला औरया से हाजी अब्दुल मसीह कादरी ने कहा फफूँद चौराहे दिबियापुर पर स्थित कब्रिस्तान को 2003 से बराबर कुछ भू-माफिया लगातार कब्जा कर रहे हैं। राजस्व निरीक्षक भी कई बार रिपोर्ट दे चुके हैं कि कब्रिस्तान पर कुछ लोग कब्जा कर रहे हैं। इस पर हमने मुख्यमन्त्री अखिलेश यादव को भी ज्ञापन दिया है। न्यायालय द्वारा यथास्थिति के आदेश के बावजूद भी भू माफिया द्वारा लगातार कब्जा किया जा रहा है। इतना ही नहीं नगर पंचायत दिबियापुर ने कब्रिस्तान की भूमि पर किराया लेकर मेला लगवाया है। इस पर हमने जिला प्रशासन से कई बार गुहार लगाई पर सबसे अफसोजनक यह है कि हमारे दिबियापुर विधान सभा क्षेत्र के विधायक प्रदीप यादव के आवास तक कब्रिस्तान की भूमि पर कंकरीट की रोड डलवा दी गयी है। लगातार हमारी मजहबी भावनाओं को सुनियोजित तरीके से आहत किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संतोष मिश्रा, अजीज बाबा, तौफीक अहमद, इशरार भाई, जीमल, रियाज, हासिम सिद्दीकी, आफताब, शाहिद समेत हम दो सौ लोग आज धरना देने आये हैं और जब तक हमारे मसायल का हल नहीं होगा तब तक हम अपने कब्रिस्तान और मरघट को बचाने के लिये विधान सभा पर धरना देते रहेंगे।
फर्रुखाबाद से आये युवा पीढ़ी के सम्पादक योगेन्द्र यादव और लक्ष्मण प्रसाद ने कहा कि आतंकवाद, नक्सलवाद और माओवाद के नाम पर लगातार दो दशकों से बेगुनाह मुसलमानों, वनवासियों व आदिवासियों को शक के आधार पर खुफिया एजेंसियां, पुलिस व एटीएस उठा कर फर्जी मुकदमों में जेल भेज रही हैं जहाँ उनके साथ अमानवीय बर्ताव किया जा रहा है। अखिलेश सरकार जो आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाह मुस्लिम युवकों की रिहाई के सवाल पर जो नाटक कर रही है उसे आगे यह बताना चाहिये कि जेलों में हाई सिक्योरिटी के नाम पर जिस तरह से पूरी गर्मी भर मासूम बच्चों को जेलों में 23-23 घंटे बन्द रखा जाता है उस पर किस कोर्ट ने रोक लगाई है। यह बहुत संवेदनशील मुद्दा है कि इस देश में अग्रेजों के बनाये हुये जेल मैनुअल में जो सुविधायें प्रदत्त की गयी हैं उन्हें भी नहीं दिया जा रहा है।
धरने को सम्बोधित करते हुये छात्र संगठन एसआईओ के प्रदेश अध्यक्ष साकिब ने कहा कि आतंकवाद के नाम पर सबसे ज्यादा कैद मुस्लिम युवा ही होते हैं। उनकी रिहाई को लेकर प्रदेश के युवा मुख्यमन्त्री जो वादाखिलाफी कर रहे हैं वो बताता है कि इस सरकार के पास युवाओं के लिये कोई नीति नहीं है। सपा सरकार अगर नौजवानों को वास्तव में आतंकवाद से बचाने का माद्दा रखती है तो प्रदेश में हुयी समस्त आतंकी घटनाओं की उच्चस्तरीय जाँच प्रदेश से बाहर की जाँच एजेंसियों से करायी जाय क्योंकि निमेष कमीशन ने भी इस बात को स्वीकारा है कि फर्जी बरामदगी दिखाकर बेगुनाह मुस्लिम युवाओं को एसटीएफ आतंकवाद के मामलों में झूठा फँसाती है।
पिछड़ा महासभा के अध्यक्ष एहसानुल हक मलिक, महामन्त्री शिवनारायण कुशवाहा, भारतीय एकता पार्टी के अध्यक्ष सैयद मोइद व सोशलिस्ट फ्रंट ऑफ इंडिया के मोहम्मद आफाक ने कहा कि पिछले एक महीने से मरहूम खालिद की जाँच के सवाल पर सरकार के नुमाइन्दे यह बोल रहे हैं कि सरकार ने मामला सीबीआई जाँच को भेज दिया है पर जिस तरीके से यह मामला सामने आ रहा है कि प्रदेश के कार्मिक एवम् प्रशिक्षण विभाग (डीवोपीटी) ने अब तक नोटिफिकेशन नहीं किया है। ऐसे में सरकार इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे की इतने गम्भीर मसले पर इस तरह की जानबूझकर की गयी हरकत के बाद उसने क्या किया? उन्होंने माँग उठायी कि डीवोपीटी के जिम्मेदार अफसरों जिन्होंने इस मामले में लापरवाही बरती उनके विरुद्ध तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाये।
धरने का संचालन लक्ष्मण प्रसाद ने किया। धरने में अवामी काउंसिल के महासचिव असद हयात, कमरुद्दीन कमर, मो0 सादिक, एसआईओ के आमिर, आसिफ इरसाद, बाराबंकी से फरहान वारसी, सोशलिस्ट फ्रंट ऑफ इंडिया के मो0 आफाक, गुफरान खान, शुएब, फैज, जुबैर जौनपुरी, जैद अहमद फारुकी, मो0 उजैर खान, अशोक कुमार सिंह, राजीव यादव आदि लोग सम्मिलित थे।


