आखिरकार समाजवादी धरा बाराबंकी से ही उत्तर-प्रदेश की वर्तमान अखिलेश सरकार के कार्यकाल में हो रहे अनवरत दंगों, बलात्कार, हत्या, लूटपाट, अवैध खनन, गुंडागर्दी, पुलिसिया अत्याचार के खिलाफ जोरदार आवाज़ बुलन्द हुयी।

पुराने समाजवादी नेता बेनी प्रसाद वर्मा- केंद्रीय इस्पात मंत्री, भारत सरकार के निर्देशों पर जिस प्रकार बाराबंकी कांग्रेस ने सड़क पर उतर कर संघर्ष का बिगुल बजाया है, वो सरकार के लिये चेतावनी तो है ही, कांग्रेस में व्याप्त चाटुकारिता की राजनीति के वर्चस्व के खात्मे की शुरुआत भी माना जा सकता है।

सपा की सरकार के खिलाफ उपजे जनाक्रोश को भाँपते हुये राजनीति के मँझे हुये खिलाड़ी बेनी प्रसाद वर्मा ने लगातार अपने बयानों से खुद को चर्चा में बनाये रखने के साथ-साथ आम जनमानस के बीच संवाद कायम रखने और उनकी पीड़ा को समझने के पश्चात् विशाल धरना-प्रदर्शन का सफल आयोजन करवाकर यह भी साबित कर दिया कि अगर उत्तर-प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व चाहता तो कांग्रेस का कार्यकर्ता अब तक पूरे प्रदेश में सपा सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर चुका होता।

तमाम आरोपों-दंगों की आँच से बेहाल सपा सरकार के दामन को मुजफ्फरनगर के दंगों ने झुलसा ही दिया है। प्रशासनिक चूक, लापरवाही स्वीकार कर चुके सरकार के मुख्यमंत्री, अखिलेश यादव पूर्व में भी सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर चुके हैं कि नौकरशाह उनकी बात नहीं मानते, लापरवाही-हीलाहवाली करते हैं।

नौकरशाही की मनमानी, सपा के तमाम विधायकों, मंत्रियों,पदाधिकारियों और परिजनों के कारनामों-बयानों से उपजे जनाक्रोश को भाँपते हुये ही बेनी प्रसाद वर्मा ने सोमवार को गन्ना कार्यालय परिसर में आयोजित विशाल धरना-प्रदर्शन में बेबाकी पूर्ण नपा तुला भावनात्मक भाषण दिया।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रातः 10 बजे से ही कार्यक्रम स्थल पर बाराबंकी जनपद के कोने-कोने से ग्रामीण का आना शुरू हो गया था।

दोपहर 11 बजे से ही धरने का विधिवत प्रारम्भ हो गया और धरना स्थल पर बने विशाल मंच पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष बाराबंकी फवाद किदवई, राकेश वर्मा (पूर्व मंत्री ), संतोष श्रीवास्तव, कुँवर रामवीर सिंह, छोटेलाल यादव, रामपाल वर्मा, निजामुद्दीन, बैजनाथ रावत (पूर्व सांसद ), बंशीलाल गौतम, रतनलाल राव, बृजेश दीक्षित, मो सबाह, मो मोनिस, दीप शंकर जायसवाल, फैजी, शिवस्वामी वर्मा, जयराम वर्मा, मुन्नू लाल चौरसिया आदि पहुँच चुके थे।

कार्यक्रम का संचालन रिजवान संजय ने किया। कार्यक्रम प्रारम्भ होने के वक़्त तक ही गन्ना परिसर लोगों से खचाखच भर चुका था और मंच पर स्व. राममनोहर वर्मा के पिता/ परिजन पहुँच चुके थे। स्व. राममनोहर के हत्यारों को गिरफ्तार करो, फाँसी दो के नारे लगातार लग रहे थे। तमाम वक्ताओं ने अपने सम्बोधन में उत्तर-प्रदेश सरकार की नाकामियों का जिक्र किया और संघर्ष की शुरुआत करने का निर्देश देने के लिये बेनी प्रसाद वर्मा को धन्यवाद दिया।

भीषण गर्मी में चले इस धरना-प्रदर्शन में तक़रीबन एक बजे बेनी प्रसाद वर्मा- केंद्रीय इस्पात मंत्री अपने काफिले के साथ पहुँचे। उनके साथ फर्रुख मोबीन, डी के आनन्द, राजबहादुर, डॉ मसूद, जय राम वर्मा भी धरना स्थल पर बने मंच पर आये। बेनी प्रसाद वर्मा के कार्यक्रम स्थल पर आते ही समूचा जनसमुदाय उद्वेलित होकर विकास पुरुष बेनी प्रसाद जिंदाबाद और स्व राम्मानोरथ वर्मा के हत्यारों को गिरफ्तार करो-फाँसी दो के नारे लगाने लगा। संचालन कर्ता के बारम्बार अनुरोध के बावजूद तक़रीबन 15 मिनट तक अनवरत नारेबाजी होती ही रही।

धरना-प्रदर्शन में सम्बोधन के क्रम को आगे बढ़ाते हुये बार कौंसिल बाराबंकी के पूर्व अध्यक्ष बृजेश दीक्षित ने कहा कि बेनी बाबू ने विकास की गंगा भागीरथ की भाँति उतारी है अब संघर्ष के नये रास्ते भी दिखाने का कार्य किया है। यही संघर्ष जनता के दुखों को खत्म करेगा और आगामी लोकसभा चुनावों में बेनी प्रसाद वर्मा के नेतृत्व में विजय हासिल होगी।

अखिल भारतीय कांग्रेस की सदस्य श्रीमती संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि जुल्म-अन्याय व अत्याचार के खिलाफ जनता के हित के लिये आवाज़ उठाने वाला, संघर्ष करने वाला ही जननेता होता हैं, यह हम कांग्रेसजनों का सौभाग्य है कि बेनी बाबू जैसा विराट व्यक्तित्व -सोच का नेता हमारा अगुआ है, मार्गदर्शक है। इसके अतिरिक्त छोटेलाल यादव (पूर्व विधायक ), डॉ मसूद (पूर्व मंत्री ), राजबहादुर (पूर्व मंत्री ), कुँवर रामवीर सिंह सभी के निशाने पर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव रहे। सबसे प्रभावी करने वाले धारदार सम्बोधन करने वाले बाराबंकी के ही फर्रुख मोबीन ने उपस्थित लोगों के मर्मस्थली को छूते हुये भावनाओं के ज्वार को और बढ़ाने का कार्य किया। फर्रुख मोबीन ने कहा कि उत्तर-प्रदेश में अखिलेश राज में हो रहे दंगे सपा और भाजपा की मिली जुली साजिश हैं। दोनों दल धर्म के नाम पर हिन्दू -मुस्लिम को लड़ाकर, मरवाकर चुनावी फायदा लेना चाहते हैं, इस साजिश को सबसे पहले हम सबके नेता बेनी बाबू ने समझा और विकास कार्यों के साथ-साथ जुल्म व अत्याचार के खिलाफ संघर्ष का ऐलान किया है।

असली मायनों में डॉ. लोहिया के सच्चे अनुयायी हैं बेनी प्रसाद, इनकी सामाजिक सोच व व्यापक जनाधार के कारण ही कांग्रेस नेतृत्व ने उनको इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उसूलों से कभी भी समझौता ना करने वाले विकास पुरुष बेनी प्रसाद वर्मा आम जनता के सच्चे हितैषी हैं। लाल कृष्ण आडवाणी की बार-बार तारीफ करके मुस्लिमों के जख्मों को कुरेदने-नमक छिड़कने का कार्य करने वाले सपा मुखिया मुलायम सिंह को आगामी लोकसभा चुनावों में जनता सबक सिखायेगी।

तक़रीबन तीन बजे बेनी प्रसाद वर्मा-केंद्रीय इस्पात मंत्री ने अपना सम्बोधन शुरू किया। अपने 15 मिनट के सम्बोधन में अपने बेबाक बयानों का सिलसिला जारी रखते हुये सपा-भाजपा को खूब खरी-खोटी सुनायी।

उन्होंने कहा कि अपने 40 साल के राजनैतिक जीवन में उत्तर-प्रदेश की सरकार के प्रति लोगों के मन में इतना ज्यादा गुस्सा मैंने पहली बार देखा है। यह सरकार समाजवादी ना होकर दंगाई और निर्दयी है। अब मुलायम सिंह बेनकाब हो चुके हैं, उनके सभी दाँव अब उल्टे पड़ रहे हैं, साजिशें असफल हो रही हैं, यह अगला लोकसभा चुनाव मुलायम का आखिरी चुनाव होगा। प्रदेश में फैली अराजकता, दंगे, हत्या-बलात्कार की चर्चा करते हुये इस्पात मंत्री ने कहा कि मुलायम सिंह बेशर्मी कर रहे हैं, किसी की जान की कीमत उसके परिजनों को सिर्फ पैसा देकर नहीं चुकाई जा सकती। अगर जरूरत पड़ी तो बाराबंकी का एक- एक किसान स्व. राममनोरथ वर्मा के परिजनों की आर्थिक मदद करेगा, जनता को सरकार से अधिकार व न्याय चाहिए, मौत के बदले रिश्वत नहीं। राम मनोरथ के हत्यारों को सपा नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। हत्या की सीबीआई जाँच की माँग प्रदेश सरकार को केन्द्र से करनी चाहिए, सीबीआई जाँच तो होगी ही।

अपने भाषण के अंत में बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा कि अब यह संघर्ष रुकना नहीं चाहिए, उत्तर-प्रदेश सरकार सुधरेगी नहीं, जनता के हित के लिये अगर मुझे आमरण अनशन भी करना पड़ा तो मैं करूँगा। अब इस निर्दयी सरकार को सत्ता से बेदखल करना ही पड़ेगा।

और कार्यक्रम के अंत में कांग्रेस जिला अध्यक्ष फ़वाद किदवाई ने सभी को संघर्ष में शामिल होने के लिये धन्यवाद दिया। सोमवार सम्पन्न हुये इस प्रदर्शन में उमड़े जनसैलाब ने यह एक बार पुनः साबित कर दिया कि भले ही अभी डेढ़ साल पहले सपा बाराबंकी की सभी सीटों पर जीत गयी थी लेकिन अब आम जनता के दिलों पर एक बार पुनः विकास पुरुष बेनी प्रसाद वर्मा समां बाँध चुके हैं।

अरविन्द विद्रोही