न्यूयॉर्क 26 अप्रैल 2024 (संयुक्त राष्ट्र समाचार) संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने कहा है कि ग़ाज़ा में बिना फटे बमों को हटाने और उस स्थान को फिर से सुरक्षित बनाने में, 14 वर्षों तक की समय लग सकता है.

संयुक्त राष्ट्र की विस्फोटक सामग्री (Mine) कार्रवाई सेवा (UNMAS) के एक वरिष्ठ अधिकारी पैहर लॉडहैमर ने शुक्रवार को कहा है कि ग़ाज़ा में युद्ध ने, लगभग 3 करोड़ 70 लाख टन मलबा उत्पन्न कर दिया है.

उन्होंने कहा कि ग़ाज़ा पट्टी में इस समय, अनफटी विस्फोटक सामग्री की सही तादाद का अन्दाज़ा लगाना असम्भव है, जहाँ घनी आबादी और घनिष्ट बनी इमारतों को, लगभग 7 महीनों की इसराइली भीषण बमबारी में, मलबे में तब्दील कर दिया गया है.

पैहर लॉडहैमर ने जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि ग़ाज़ा में चप्पा-चप्पा, युद्ध से प्रभावनित है और आमतौर पर एक वर्गमीटर क्षेत्र में, लगभग 200 किलो मलबा इकट्ठा हो गया है.

उन्होंने कहा, “मैं केवल यही कह सकता हूँ कि जितने विस्फोटक हथियार या सामग्री दागे जाते हैं, उनमें से लगभग 10 प्रतिशत सामग्री बिना फटे रह जाते हैं...तो हम मलबे की इस विशाल मात्रा को साफ़ करने के लिए लगभग 14 वर्षों का समय लगने की बात कह रहे हैं, यानि लगभग साढ़े साथ लाख कामकजी दिन...”

हमास से बन्धकों को रिहा करने की पुकार

मलबा हटाने में लगने वाले इतने विशाल समय की ख़बर के साथ एक अन्य घटनाक्रम में, संयुक्त राज्य अमेरिका सहित 18 देशों ने, हमास से बाक़ी बचे बन्धकों को रिहा करने की पुकार दोहराई है. याद रहे कि 7 अक्टूबर को इसराइल के दक्षिणी इलाक़े में हमास के एक हमले में लगभग 1,250 लोग मारे गए थे और लगभग 250 लोगों को बन्धक बनाया था, जिनमें से कुछ बन्धकों को, नवम्बर में एक अस्थाई युद्धविराम के दौरान को रिहा कर दिया गया था.

उसके बाद ग़ाज़ा में इसराइल के चौतरफ़ा हमलों में, ग़ाज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, 34 हज़ार से अधिक लोग मारे गए हैं और 77 हज़ार से अधिक घायल हुए है. हताहतों में अधिक संख्या महिलाओं और बच्चों की है.

ख़बरों के अनुसार इसराइल का मानना है कि 130 से अधिक बन्धक अब भी ग़ाज़ा में रखे गए हैं.

अकाल का जोखिम आसन्न

इस बीच संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसियों ने अपनी ये चेतावनियाँ दोहराई हैं कि ग़ाज़ा पट्टी के उत्तरी इलाक़े में अकाल बिल्कुल निकट है. उन्होंने ग़ाज़ा पट्टी में और अधिक सहायता सामग्री, तेज़ी से पहुँचाए जाने की औचक अपील की है.

इसराइल ने तीन सप्ताह पहले, ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़ों में और अधिक मानवीय सहायता की अनुमति देने का इरादा ज़ाहिर किया था. मगर संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने कहा है कि सहायता आपूर्ति में मामूली वृद्धि हुई है, मगर वो किसी भी तरह से पर्याप्त नहीं है.

विश्व खाद्य कार्यक्रम के उप कार्यकारी निदेशक कार्ल स्काऊ का कहना है, “हम अब भी अकाल की तरफ़ बढ़ रहे हैं. हमें अकाल को टालने के लिए आवश्यक क़दमों की तरफ़ हालात को मुड़ते हुए नहीं देखा है. हमें ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में और अधिक मानवीय सहायता सामग्री की आपूर्ति करने के ठोस और टिकाऊ क़दमों की ज़रूरत है.”

कार्ल स्काऊ ने, ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े रफ़ाह में, इसराइल के सम्भावित ज़मीनी आक्रमण की लगातार आ रही ख़बरों के सन्दर्भ में गम्भीर चिन्ताएँ व्यक्त करते हुए कहा है कि ज़मीनी हमले से, हालात बद से बदतर होंगे क्योंकि वहाँ पहले से ही बहुत सहायता सामग्री की आपूर्त बहुत अपर्याप्त और बाधित है.

इसराइल से सहायता क़ाफ़िले को अनुमति की अपील

इस बीच, शीर्ष मानवाधिकार विशेषज्ञों ने, इसराइल से, मानवीय सहायता सामग्री से भरी नावों के क़ाफ़िले को ग़ाज़ा में दाख़िल होने की अनुमति देने की अपील की है.

नामक नावों का यह क़ाफ़िला - “Freedom Flotill” तुर्कीये से ग़ाज़ा पट्टी के लिए रवाना हो रहा है जिनमें 5,500 टन खाद सामग्री के साथ-साथ सैकड़ों अन्तरराष्ट्रीय मानवीय सहायता पर्यवेक्षक सवार है.

मानवाधिकार विशेषज्ञों ने ध्यान दिलाया है कि वर्ष 2010 में, इसराइल ने Freedom Flotilla को अन्तरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में ही रोक दिया था और उस पर हमला कर दिया था, जिसमें 10 यात्री मारे गए और अनेक अन्य घायल हुए थे.

उस समय उस सहायता जहाज़ ने, ग़ाज़ा की इसराइली नाकाबन्दी को तोड़ते हुए, फ़लस्तीनी लोगों तक खाद्य सामग्री की आपूर्ति करने का प्रयास किया था.

(स्रोत- संयुक्त राष्ट्र समाचार)

It may take 14 years to remove unexploded explosives from Gaza