"चाल,चरित्र,चेहरा" की काली तस्वीर : गिरगिट भी हो रहे शर्मसार
"चाल,चरित्र,चेहरा" की काली तस्वीर : गिरगिट भी हो रहे शर्मसार
रांची, 27 मार्च 2019 (विशद कुमार) "आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव (Lok Sabha and Assembly elections) में झारखंड (Jharkhand) से बीजेपी (BJP) का पूरी तरह सफाया हो जाएगा। बीजेपी की गरीब विरोधी नीति (BJP's anti-poor policy) व क्रियाकलापों के अलावा सिद्धान्तों से राज्य के साथ-साथ पूरे देश की जनता त्रस्त है। ऐसे में अब जनता भाजपा को सबक सिखाने का मन बना चुकी है।"
यह बयान 3 अक्टूबर 2018 को एक प्रेस कन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राजद की तत्कालीन झारखंड प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी ने चतरा के इटखोरी में दिया था।
उन्होंने आगे कहा था
"वर्तमान में केंद्र व राज्य में सत्ता पर काबिज सरकारें युवाओं को रोजगार के नाम पर छल रही है। रोजगार के नाम पर युवा दर-दर भटक रहे हैं, बावजूद उन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही है। प्रदेश की रघुवर सरकार अमीरों के साथ मिलकर गरीब मिटाओ अभियान चला रही है। पूंजीपतियों और बड़े बड़े कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के नियत से गरीब किसानों की जमीन हड़पी जा रही है। भ्रष्टाचार के नाम पर जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली बीजेपी सरकार भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी है।"
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि
"पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बढ़ते जनाधार से घबराकर सरकार ने साजिश के तहत उन्हें जेल भिजवाया है। झारखंड में भी महागठबंधन और सभी पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ेंगे। हमारा एकमात्र उद्देश्य देश व प्रदेश से भाजपा का सफाया करना है।"
ये वहीं अन्नपूर्णा देवी हैं जिन्होंने 25 मार्च 2019 को भाजपा का दामन इसलिए थाम लिया है कि महागठबंधन ने कोडरमा लोकसभा सीट को जेवीएम को और चतरा सीट को कांग्रेस के पाले में दे दिया है।
इतना ही नहीं, मौके पर इनका सुर ऐसे बदला कि गिरगिट भी शरमा जाए।
भाजपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि
"पीएम मोदी के सिद्धांतों को देखते हुए मैं राजद को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई हूं।"
साथ ही जिस रघुवर को कोसते हुए उनकी जुबान नहीं थकती थी, उनके बारे में भी उनकी राय कुछ इस प्रकार हो गई, कहा —
"सीएम रघुवर दास के नेतृत्व में झारखंड में बेहतर काम हुआ है।"
बता दें कि नवंबर 2017 में अन्नपूर्णा देवी को राजद का झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। तब से वे लालू प्रसाद यादव का करीबी मानी जा रही थीं। इधर कुछ दिनों से जब पार्टी को आभास हुआ कि वे भाजपा का दामन थामने वाली हैं तो पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। अब जब उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया है और आधिकारिक रूप से बीजेपी में शामिल हो गई हैं, तब पार्टी आलाकमान ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा को एकबार फिर झारखंड प्रदेश आरजेडी अध्यक्ष बनाया है।
अध्यक्ष बनाए जाने के बाद गौतम सागर राणा ने कहा है कि "अन्नपूर्णा देवी के जाने से राजद पर कोई असर नहीं पड़ेगा।"
उनके मुताबिक,
"कई महीने से अन्नपूर्णा देवी भाजपा के संपर्क में थीं। अत: वे पार्टी छोड़ने के लिए चतरा सीट का बहाना कर रही थीं।"
साथ ही यह भी कहा कि
"पार्टी सुप्रीमो लालू यादव जो भी आदेश देंगे उसका पालन करूंगा।"
आगे की रणनीति को लेकर नए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि
"तमाम जिला अध्यक्षों के साथ जल्द ही बैठक करूंगा।"
इन सब घटनाओं के बीच अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर अन्नपूर्णा देवी किस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी, कोडरमा से या चतरा से?
बता दें कि कोडरमा यादव बहुल क्षेत्र है, अन्नपूर्णा देवी कोडरमा से चार बार राजद की विधायक रह चुकी हैं। 2014 के विधान सभा चुनाव में यादव जाति की भाजपा की नीरा यादव ने उन्हें शिकस्त दी थी।
कोडरमा से मौजूदा सांसद रवींद्र राय का दोबारा कोडरमा से टिकट मिलने पर लगभग विराम लग चुका है। इससे पहली बार भूमिहार जाति के सांसद बने रविंद्र राय और उनके समर्थक नाराज चल रहे हैं। हालांकि खुद रवींद्र राय ने मीडिया में अभी तक किसी तरह की कोई पार्टी विरोधी बयान नहीं दिया है।
अब सवाल यह है कि अन्नपूर्णा देवी चुनाव कहां से लड़ने की इच्छा रखती हैं। चूंकि भाकपा माले भी कोडरमा से अपना उम्मीदवार उतार रहा है और पिछले लोकसभा चुनाव में माले के राजकुमार यादव दूसरे नंबर पर थे, यहां से यादव वोटों में बंटवारा होने से संभावना है और अन्नपूर्णा की मश्किलें बढ़ सकती हैं, ऐसे में वे चतरा सीट को सुरक्षित समझ रही होंगी। वैसे चतरा में यादव वोटरों की संख्या 2 लाख से उपर है।
तभी इस बात की चर्चा है कि अन्नपूर्णा देवी चतरा से लोकसभा का चुनाव लड़ने इच्छा रखती हैं। उन्होंने यहां से चुनाव जीतने का समीकरण भी बना लिया है। दूसरी तरफ चतरा से 2014 में लोकसभा की जेवीएम उम्मीदवार नीलम देवी भी बीजेपी में शामिल हुई हैं। ऐसे में केवल अटकलों का बाजार गर्म है।
इस गर्म बाजार में "चाल, चरित्र, चेहरा" की काली होती तस्वीर पर भी चर्चा जोरों पर है।


