रायपुर, 31 मार्च। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कल विधानसभा में पेश कैग की रिपोर्ट को प्रदेश के विनाश और लूट की असली तस्वीर बताया तथा कहा है कि इससे भाजपा सरकार की जीडीपी आधारित विकास के दावों की पोल खुल गई है.

आज जारी एक बयान में माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि कैग की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि विकास कार्यों के नाम पर हर साल 5-6 हजार करोड़ रुपयों की गड़बड़ी हो रही है. इस भ्रष्टाचार का सीधा असर आम जनता की बुनियादी सुविधाओं पर पड़ रहा है और वे शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी मानवीय जरूरतों से भी वंचित हो रहे हैं.

माकपा ने कहा है कि कैग की रिपोर्ट बताती है कि एक ओर जहां प्रदेश में जल, जंगल, जमीन, खनिज और अन्य प्राकृतिक संसाधनों की लूट मची हुई है, वहीँ दूसरी ओर निजी पूंजीपतियों, कारपोरेटों और विदेशी शराब निर्माताओं पर यह सरकर मेहरबान है और अवैध तरीके से हजारों करोड़ रूपये उनकी तिजोरियों में पहुंचाए जा रहे हैं. सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में 2200 करोड़ रुपयों का घोटाला दिखाता है कि आदिवासी-दलितों व कमजोर तबकों के लिए बनी योजनाओं में किस तरह सेंध लगाईं जा रही है, लेकिन किसी भी घोटालेबाज के खिलाफ आज तक कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई है.

प्रदेश की इस दयनीय स्थिति के लिए भाजपा सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए माकपा ने कहा है कि उदारीकरण और निजीकरण की नीतियां केवल लूट भ्रष्टाचार को जन्म देती है, जिस पर चलना यह सरकार अपना ‘नैतिक कर्तव्य’ मानती है. इसलिए भाजपा राज में आगे भी ऐसे घोटाले जारी रहेंगे.